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Kisan Andolan Timeline जानें अब तक के किसान आंदोलन का सफर

• LAST UPDATED : December 8, 2021

375 दिनों तक दिल्ली की घेराबंदी, 700 जानें गईं
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Kisan Andolan Timeline दिल्ली में एसकेएम कमेटी (Samyukt Kisan Morcha) की बैठक शुरू हो गई है। जो केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (farmers protest) को प्रस्ताव भेजा था कि हम एमएसपी पर कमेटी गठित करेंगे, किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे भी वापस लेंगे और मुआवजे का प्रस्ताव भी भेजा गया था। इसके बाद किसानों ने सरकार से भेजे गए प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा था। बता दें कि बैठक से ठीक पहले मोर्चा कमेटी से सरकारी नुमाइंदों की एक मीटिंग हुई होने की बात पता चल रही है। ऐसे में संभव है कि दोपहर बाद एसकेएम आंदोलन को लेकर बढ़ा एलान कर दे।

जल्द हट सकते हैं किसानों के तंबू Kisan Andolan Timeline

दिल्ली की सीमाओं पर लगे किसानों के तंबू जल्द ही हट सकते हैं। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा एसकेएम को लिखे ताजा पत्र में किसानों की सभी मांगें मानने की बात कही गयी है। सरकार ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को तत्काल निलंबित करने की पेशकश की है। ऐसे में मोर्चा कमेटी नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है। लेकिन इस बारे में फिलहाल किसी भी किसान नेता ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है।

एक नजर ईधर:-
05 जून 2020- केंद्र सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को संसद में पेश किया।

14 सिंतबर 2020- कोरोना काल के दौरान संसद में तीनों बिल पेश किए गए।

17 सिंतंबर 2020- लोकसभा में बिल मंजूर हुए। 20 सितंबर को राज्यसभा में भी पारित हो गए।

24 सितंबर 2020- पंजाब के किसानों ने आंदोलन का बिगुल फूंका। पहले चरण में 3 दिन के लिए ट्रेनें रोकीं।

25 सितंबर 2020- देशभर में अखिल भारतीय किसान संघष्र समन्वय समिति के बैनर तले प्रदर्शन शुरू।

27 सितंबर 2020-  राष्टÑपति ने तीनों कृषि कानूनों को मंजूरी दी। इसे गजट में प्रकाशित किया गया।

25 नवंबर 2020- पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो का नारा दिया और राष्टÑव्यापी आंदोलन की शुरुआत हुई।

26 नवंबर 2020- पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच। हरियाणा ने बार्डर सील किए। किसान बैरिकेड तोड़कर घुसे। बात जब बिगड़ी तो पुलिस भी पीछे हटी।

28 नवंबर 2020-
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली की सीमा खाली करने की शर्त के साथ किसानों को वार्ता के लिए बुलाया।

29 नवंबर 2020-
प्रधानमंत्री ने मन की बात में तीनों कृषि कानूनों और अपनी सरकार को कृषि और किसान हितैषी बताया।

3 दिसंबर 2020-
पहली बार सरकार और किसानों में बैठक। किसान मीटिंग बीच में छोड़कर बाहर निकले।

5 दिसंबर 2020- दूसरे दौर की बातचीत में किसानों ने अपना एजेंडा रखा। बैठक बेनतीजा रही।

8 दिसंबर 2020-बैठकों में मसला हल न होता देखकर किसानों ने दबाव बढ़ाने के लिए भारत बंद का ऐलान किया।

13 दिसंबर 2020- कुछ भाजपा नेताओं ने आंदोलन को टुकड़े-टुकड़े गैंग की साजिश बताया। किसानों को आतंकी तक कह दिया गया।

21 दिसंबर 2020- किसानों ने केंद्र सरकार को जगाने के लिए अपने धरनास्थलों पर अनशन किया।

30 दिसंबर 2020- छठे दौर की बातचीत में केंद्र ने पराली जलाने पर जुर्माने और बिजली एक्ट में संशोधन की बात कही।

4 जनवरी 2021- सातवें दौर की बैठक में किसान हां या न लिखे स्लोगन लेकर पहुंचे। मीटिंग बेनतीजा रही।

7 जनवरी 2021- सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तारीख दी।

11 जनवरी 2021- सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से निपटने के तरीके पर केंद्र को फटकार लगाई।

26 जनवरी 2021- ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस से भिड़ंत। कुछ लोग लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान वहां निशान साहिब फहराया गया। हंगामे में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।

1 फरवरी से 18 नवंबर 2021-  दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई। दिल्ली सीमा पर किसानों का धरना जारी रहा।

19 नवंबर 2021- गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर पीएम मोदी ने कानून वापस लेने का ऐलान किया।

29 नवंबर 2021- संसद के विंटर सेशन में पहले ही दिन दोनों सदनों में कानून वापसी का बिल पास।

30 नवंबर 2021- केंद्र का एमएसपी (farmers msp) पर कमेटी बनाने का फैसला। पांच किसान नेताओं के नाम मांगे।

1 दिसंबर 2021- राष्ट्रपति ने संसद में पारित कानून को वापस लेने के बिल पर मुहर लगाई।

4 दिसंबर 2021- एसकेएम ने केंद्र की एमएसपी वाली कमेटी के लिए 5 सदस्यों के नाम फाइनल किए।

7 दिसंबर 2021- केंद्र का 6 मांगों पर लिखित प्रस्ताव। एसकेएम पुलिस केस वापसी के ठोस आश्वासन पर अड़ा।

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