इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Beware of Thugs : नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने गुरुवार को साफ कर दिया कि उसने आम लोगों की घर की छत पर सौर पैनल लगाने के लिए किसी भी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता को अधिकृत नहीं किया है।
मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण ऐसी खबरें सामने आने के बाद आया है कि कुछ वेंडर (विक्रेता या आपूर्तिकर्ता) छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए खुद को मंत्रालय की तरफ से अधिकृत बता रहे हैं।
ग्रिड से जुड़ी रूफटाप सौर योजना के दूसरे चरण में छतों पर सौर पैनल लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही मंत्रालय ने सोलर पैनल लगाने वाले ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनियों (डिसकाम) की तरफ से तय दरों पर ही रूफटाप सोलर के लिए भुगतान करने की सलाह भी दी है।
वितरण कंपनियां निविदा प्रक्रिया के जरिए सोलर वेंडर को अपने पैनल में शामिल करती हैं और छतों पर सौर पैनल लगाने की दरें भी निर्धारित करती हैं।
रूफटाप सौर योजना के तहत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय पहले 3 किलोवाट बिजली पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है और 3 से 10 किलोवाट तक सब्सिडी की दर 20 फीसदी है।
इस योजना को राज्यों में स्थानीय बिजली वितरण कंपनियों के माध्यम से लागू किया जा रहा है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “हमारी जानकारी में आया है कि कुछ रूफटाप सौर कंपनियां खुद को मंत्रालय की तरफ से अधिकृत वेंडर बताकर छतों पर सौर पैनल लगा रही हैं।
यह साफ किया जाता है कि मंत्रालय ने किसी भी वेंडर को इसके लिए अधिकृत नहीं किया है। राज्यों में यह योजना वितरण कंपनियां लागू कर रही हैं। उन्होंने निविदा के जरिए वेंडरों को अपने साथ जोड़ा है और सौर पैनल लगाने की दर भी निर्धारित की हैं।”
अपने घरों या प्रतिष्ठानों की छतों पर सौर पैनल लगवाने के इच्छुक लोग आनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पैनल में शामिल वेंडर पैनल लगाएंगे। इस प्रक्रिया की जानकारी संबंधित वितरण कंपनियों के पोर्टल से ली जा सकती है।
मंत्रालय ने इस बात का भी संज्ञान लिया है कि कुछ वेंडर वितरण कंपनियों की तरफ से निर्धारित दरों से अधिक शुल्क घरेलू उपभोक्ताओं से वसूल रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वितरण कंपनियों को ऐसे वेंडरों की शिनाख्त कर उन्हें दंडित करने का निर्देश भी दिया गया है। Beware of Thugs
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