India News Haryana (इंडिया न्यूज़), Saint Conference By BrahmaKumaris : ब्रह्माकुमारीज के ज्ञान मानसरोवर, थिराना में रविवार को एक संत महासम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्थानों से अनेकानेक महामंडलेश्वरों एवं संतों ने शिरकत की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर (सहारनपुर), महामंडलेश्वर स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती जी (अंबाला कैंट), आचार्य परमानंद (मध्य प्रदेश), डॉ. श्री प्रकाश मिश्रा (कुरुक्षेत्र) उपस्थित रहे और साथ ही ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय माउंट आबू से राजयोगी बीके रामनाथ भी विशेष रूप से इस कार्यक्रम में पहुंचे।
सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी बहनों ने मंच पर उपस्थित सभी महानुभावों का बैज एवं गुलदस्ते के द्वारा स्वागत किया। तत्पश्चात ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण व सर्किल इंचार्ज बीके सरला बहन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम का सभी संतजनों द्वारा दीप प्रज्वलन से शुभारंभ किया गया। इसके अलावा जिले भर से हजारों की संख्या में बीके सदस्य एवं अन्य श्रद्धालु भी मौजूद रहे। सभी वक्ताओं ने मुख्य विषय ”राष्ट्रीय विकास की नींव – धर्म” विषय पर विचार व्यक्त किए।
आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर (सहारनपुर) ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे नाज हैं मैं भारत देश का रहने वाला हैं, भले ही मैं पूरी दुनिया मे घुमा हूं, लेकिन ऐसा पवित्र स्थान कहीं नही। भारत विश्व का महान तीर्थ स्थान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उत्थान में अध्यात्म की बहुत जरूरत है और ये ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक मिशन के रूप में अध्यात्म अर्थात आत्मा-परमात्मा का सच्चा ज्ञान जन -जन तक पहुंचा रही है।
ब्रह्माकुमार भ्राता रामनाथ ने कहा कि आज साइंस ने भले ही बहुत तरक्की की है, सुख के लिए बहुत साधन बना दिए हैं, लेकिन उन साधनों में सदाकाल का सुख नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि सुख और शांति का स्रोत एक परमात्मा पिता है। उनको सदा याद करते रहें तो हम अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं।
महामंडलेश्वर डॉ स्वामी शिव चैतन्य सरस्वती (अंबाला कैंट) ने कार्यक्रम में शुभ कामना देते हुए कहा कि जैसा आहार वैसा व्यवहार, जैसा पानी वैसी वाणी। आहार की शुद्धि हमारे व्यवहार से जुड़ी है। उन्होंने धर्म विषय पर बोलते हुए कहा कि धर्म अर्थात धारणा।
बीके भारत भूषण ने आये हुए महानुभावों का शब्दों के माध्यम से आभार व्यक्त किया और साथ ही विषय पर बोलते हुए कहा कि ईश्वरीय शक्ति द्वारा ही स्वर्णिम युग आ सकता है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा जो सेवाएं और गतिविधि हो रही हैं ये सब ईश्वरीय कार्य चल रहा है।
आचार्य परमानंद (मध्य प्रदेश) कहा कि केवल मंदिर जाना, गीता, रामायण आदि पढ़ना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह तो परिवर्तन का हमारा पहला कदम होता है। ये सब करने के बाद हमें ज्ञान की बातों को जीवन में धारण करना बहुत जरूरी है। ज्ञान को केवल कंठस्थ करना ही काफी नहीं है। उसको व्यवहारिक जीवन में भी लाना है।
डॉ प्रकाश मिश्र ने कहा कि सरकार की एक सीमा होती है, वह सड़क या पुल आदि तो बना सकती है, लेकिन एक समृद्ध और श्रेष्ठ राष्ट का निर्माण धर्म से व आध्यात्मिक शक्ति से ही संभव है। आगे सुनाया कि भारत हमेशा चरित्र का समर्थक रहा है, भारत जल्दी ही विश्व शक्ति बनेगा।
ब्रह्माकुमारीज़ पानीपत सर्कल इंचार्ज सरला बहन ने मेडिटेशन का अभ्यास कराया और पूरी सभा मे विदित कराया कि ब्रह्माकुमारीज़ में आने वाले 10 लाख से ज्यादा भाई-बहनें ऐसे हैं जो घर गृहस्थ में रहते पवित्र जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कार्यक्रम में मंच संचालन ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन ने किया। कुमारी परी ने स्वागत नृत्य और शिव महिमा नृत्य प्रस्तुत किया।
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