India News Haryana (इंडिया न्यूज़), Raksha Bandhan 2024 : एक तरफ जहां हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ धर्म-जाति-पाति से ऊपर उठकर करीब 64 वर्षीय दिल्ली निवासी मुस्लिम बहन अपने हिंदू भाई को पिछले 37 वर्षों से राखी बांधती आ रही है। भाई-बहन के पवित्र बंधन को कायम करने के लिए उनमें किसी प्रकार का कोई मनमुटाव व मतभेद नहीं है। मुस्लिम बहन ने इस रिश्ते को निभाने के लिए मिसाल कायम की है और अपनी युवा पीढ़ी को भी इसी रास्ते पर चलने का संदेश दे रही है।
सोमवार को दिल्ली से समालखा के गांव पट्टी कल्याणा आई मुस्लिम बहन बिस्मिल्लाह बेगम ने अपने हिंदू भाई डॉक्टर कवरपाल कश्यप को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया और परिवार की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की। इस बारे गांव पट्टीकल्याणा निवासी डॉक्टर कंवरपाल कश्यप के मुताबिक सन 1987 में दिल्ली निवासी मुस्लिम बहन बिस्मिल्लाह बेगम के पति ने दूसरी शादी कर ली जिनकी दो लड़कियां वह दो लड़के हैं।
पति से मनमुटाव के चलते बच्चों का लालन पोषण करने के लिए वह गांव पट्टीकल्याणा आकर किराए के मकान में रहने और मेहनत मजदूरी करने लगी और बच्चों का गांव के हाईवे पर प्राकृतिक चिकित्सा में स्थित गांधी स्मारक निधि स्कूल में दाखिला करवाया। उस समय उनकी गांव में आटा चक्की की दुकान थी, जिसमें आटा लेने के लिए बिस्मिल्लाह बेगम दुकान पर पहुंची और आपबीती सुनाई जिसको लेकर उन्होंने सांत्वना दी तो मुस्लिम बहन ने हिंदू भाई डॉक्टर कंवरपाल कश्यप को अपना भाई मान लिया और रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बांधने की परंपरा को कायम किया।
उन्होंने बताया कि 1990 में बिस्मिल्लाह बेगम को ढूंढते हुए उनके पति शकील अहमद गांव पहुंचे और दोनों के बीच सुलहनामा करवाकर बिस्मिल्लाह बेगम को पति के साथ भेज दिया, लेकिन मुस्लिम बहन बिस्मिल्लाह बेगम ने भाई बहन के पवित्र बंधन को निभाने का क्रम जारी रखा। पिछले 37 साल से वह दिल्ली से चलकर रक्षाबंधन हो या भैया दूज पर भाई की कलाई पर राखी बांधने व माथे पर टीका लगाने कभी नहीं भूलती। सभी परिस्थितियों से आगे निकलकर वह अपना फर्ज अदा कर रही है।
डॉ कंवरपाल कश्यप ने बताया कि ”मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” इसी कहावत की चलते हम सात भाइयों ने मिलकर जात पात और धर्म से ऊपर उठकर रिश्ते नाते निभाने के लिए मुस्लिम बहन के चारों बच्चों का भात व ईद का त्यौहार व अन्य हमारे त्यौहार सभी मिलजुल कर मनाते आ रहे हैं। हम सभी एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होते हैं। मुझे इस बात का गर्व है कि मेरी मुस्लिम बहन बिस्मिल्लाह बेगम पिछले 37 साल से राखी बांधती आ रही है। उनकी 68 साल की उम्र है।
सोमवार को वह दिल्ली से चलकर रक्षाबंधन के अवसर पर भाई की कलाई पर राखी बांधते के लिए गांव पहुंची और अपने हिंदू भाई को राखी बांधते हुए परिवार की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की। भाई की लंबी आयु की कामना करते हुए बहन की आंखों में कुछ देर के लिए आंखों में आंसू छलक उठे। जिस भाई ने अपनी बहन की रक्षा करने का वचन निभाया।
वहीं बिस्मिल्लाह बेगम ने बताया कि हम सब इंसान हैं धर्म-जाति सभी यहीं पर बनाए गए हैं, जिससे ऊपर उठकर वह रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधने व भैया दूज पर माथे पर टीका लगाने अपना वचन निभाती आ रही है। मुझे बहुत ही फक्र है कि मेरे भाई डॉक्टर कंवरपाल कश्यप अपनी बहन के साथ सुख-दुख में परिवार सहित खड़े हैं। जब तक उनके शरीर में सांस है तब तक वह अपना फर्ज निभाती रहेगी और अपने बच्चों को भी इस प्रथा के बारे में बताया गया। सभी परिवार के लोग यहां पर आते जाते रहते है। करीब 6 महीने पहले उनके पति की मौत हो गई थी। वही डॉक्टर कंवरपाल कश्यप ने बताया कि उनकी सात बहू हैं , जिन्हें इस परंपरा को कायम करने के लिए कहा है।
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