India News Haryana (इंडिया न्यूज), Karnal Vidhan Sabha Seat : हरियाणा में करनाल विधानसभा सीट पर पिछले 10 सालों में भाजपा ने अपनी अच्छी पकड़ बनाई है, जिसके चलती है सीट भाजपा का एक मजबूत गढ़ बन गई है। लिहाज़ा पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस सीट पर साढ़े 9 साल तक भाजपा को मजबूत किया है, वहीं उनके इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी ने उपचुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन अब सैनी के करनाल से चुनाव न लड़ने की अटकलें हैं, सूत्रों के मुताबिक सीएम नायब सैनी करनाल विधान सभा सीट से चुनाव न लड़कर किसी और सीट पर दावेदारी पेश करेंगे।
वहीं चर्चा ये भी सामने आ रही है कि सीएम नायब सैनी कुरुक्षेत्र जिला की लाडवा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अब इस बात की पुष्टि तो उम्मीदवारों की सूचि जारी होने के बाद ही होगी। अब अगर सीएम सैनी सीट बदलते है तो ऐसी स्थिति में भाजपा को नए उम्मीदवार की खोज करनी होगी। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो करनाल विधानसभा सीट पर भाजपा के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची में कुछ प्रमुख नाम उभरकर सामने आ रहे हैं।
भाजपा के लिए करनाल विधानसभा सीट पर चुनावी दौड़ आसान नहीं होगी। अगर नायब सिंह सैनी किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा को एक ऐसा उम्मीदवार चुनना होगा, जो सामाजिक समीकरणों और पार्टी की नीतियों के साथ मेल खाता हो। रेणु बाला गुप्ता, अशोक सुखीजा, मुकेश अरोड़ा, और जगमोहन आनंद, सभी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत दावेदार हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किस पर दांव लगाती है और करनाल की इस महत्वपूर्ण सीट पर कौन उम्मीदवार बनकर उभरता है।
रेणु बाला गुप्ता : सूत्रों के अनुसार पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता, जो बनिया समाज से आती हैं, को भाजपा की ओर से एक मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। करनाल में बनिया समाज के 22,000 से अधिक वोटर हैं और रेणु बाला गुप्ता की सभी समाज के वोटरों पर अच्छी पकड़ है। वे लगातार दो बार मेयर का चुनाव जीत चुकी हैं और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी नेताओं में से एक हैं। उनकी साफ छवि और पंजाबी वोट बैंक पर मजबूत पकड़ उन्हें भाजपा की पहली पसंद बना सकती है।
जगमोहन आनंद : भाजपा के लंबे समय से जुड़े नेता जगमोहन आनंद, जिन्होंने जिला अध्यक्ष, सीएम के मीडिया कोऑर्डिनेटर, और कुरुक्षेत्र के प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, भी एक संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। उनकी पार्टी संगठन में भूमिका उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।
अशोक सुखीजा : पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक सुखीजा, जो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, भी संभावित उम्मीदवारों की सूची में हैं। उन्होंने पार्टी के लिए तब काम किया जब भाजपा हरियाणा में संघर्षरत थी। उनकी साफ छवि, संगठन को मजबूत करने में योगदान, और पंजाबी समुदाय में गहरी पैठ उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।
मुकेश अरोड़ा : युवा पंजाबी नेता मुकेश अरोड़ा भी इस दौड़ में शामिल हैं। यदि नायब सिंह सैनी करनाल से चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो भाजपा मुकेश अरोड़ा पर दांव खेल सकती है। उनकी युवा शक्ति और पंजाबी समाज में अच्छी पकड़ उन्हें एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है।
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