India News Haryana (इंडिया न्यूज), Bhupender Singh Hooda : कांग्रेस ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों की स्थापना करके हरियाणा को शिक्षा का हब बनाया था, लेकिन बीजेपी ने पूरे शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया। कांग्रेस ने देश का हरेक बड़ा शिक्षण संस्थान हरियाणा में स्थापित किया था। जबकि पूरे दस साल में बीजेपी प्रदेश में एक भी बड़ा संस्थान नहीं बना पाई।
बीजेपी राज के दौरान प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ, जब छोटे-छोटे बच्चों को अपने स्कूल बचाने और टीचर्स की मांग के लिए अपने स्कूलों के बाहर धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल करनी पड़ी। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा अपने आवास पर शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल ने हुड्डा को कॉलेज व यूनिवर्सिटी के स्तर पर पेश आ रही समस्याओं के बारे में बताया और कांग्रेस सरकार बनने पर उनके समाधान की मांग करी।
इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य बना था जहां कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के 20 संस्थान हरियाणा में स्थापित हुए। इसके चलते विद्यार्थियों को खासा लाभ हुआ और प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधरा। लेकिन प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद आज तक एक भी ऐसा कोई संस्थान प्रदेश में नहीं बना। यहां तक कि बीजेपी पहले स्थापित स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में पूरा स्टाफ देने में भी नाकाम साबित हुई।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 12 नए सरकारी विश्वविद्यालय स्थापित हुए। लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान कोई बड़ा विश्वविद्यालय प्रदेश को नहीं मिला। कांग्रेस ने ही केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़, 154 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज, 56 नए आईटीआई, जिले में डाइट, 4 नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, 2623 नए स्कूल बनाए, 1 नया सैनिक स्कूल रेवाड़ी, 6 नए केंद्रीय विद्यालय खोले थे। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सिटी सोनीपत, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, 6 मेडिकल कॉलेज, गोहाना महिला मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थान भी कांग्रेस की ही देन है।
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इस तरह कांग्रेस कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग में 25000 जेबीटी, 25000 टीजीटी-पीजीटी, हजारों अन्य स्कूल स्टाफ, 50000 कॉलेज, यूनिर्वसिटीज और अन्य शिक्षण संस्थानों के स्टाफ समेत 1 लाख से ज्यादा नौकरियां दीं थीं। लेकिन बीजेपी ने पूरे 10 साल में एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं की। आज शिक्षा विभाग में करीब 50 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। उच्चतर शिक्षा की बात करें तो टीचर्स की भर्तियां नहीं होने के चलते आज प्रदेश के 182 सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापकों के 7986 मंजूर पदों में 4618 पद खाली पड़े हैं।
मर्जर का नाम देकर बीजेपी-जेजेपी सरकार ने प्रदेश के 5000 स्कूलों को बंद कर दिया और पीटीआई और ड्राइंग अध्यापकों को नौकरी से निकाल दिया। इस सरकार ने DIET और कांग्रेस की चलाई गई डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना को भी बंद कर दिया। इसके चलते 20 लाख गरीब, एससी व ओबीसी बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि मिलनी बंद हो गई।
नई शिक्षा नीति के नाम पर सरकार ने विश्वविद्यालों की फीस में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी की है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में 5 गुना तक फीस बढ़ा दी गई। क्योंकि बीजेपी गरीब, दलित व पिछड़े परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षण संस्थानों के दरवाजे बंद करना चाहती है। इसलिए फीस बढ़ोत्तरी और स्कूल बंदी करके बीजेपी सरकारी शिक्षा तंत्र को बर्बाद कर रही है। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से शिक्षण संस्थानों के विस्तार और शिक्षा के स्तर में सुधार के मिशन को शुरु किया जाएगा। कोई भी बच्चा आर्थिक कारणों से उच्च स्तरीय शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। हरियाणा एकबार फिर देश के नक्शे में शिक्षा का हब बनकर उभरेगा।