कनिका कटियार, नई दिल्ली, India News Haryana (इंडिया न्यूज), AAP-Congress Alliance : हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधान सभा चुनाव होने है और 5 सितम्बर से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। नामांकन भरने से लेकर उठाने तक का समय 16 सितम्बर तक है। जहां प्रदेश की 90 सीटों में से भाजपा 67 सीटों के प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, जबकि 23 सीट के प्रत्याशी घोषित करना अभी पेंडिंग है। वहीं कांग्रेस से शुक्रवार रात 32 सीटों की घोषणा की, 58 सीटों पर अभी चर्चा जारी है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के मध्यनजर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बैठकें जारी है लेकिन सीटों पर फंसे पेच के कारण फ़ैसला नहीं हो पा रहा। हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है जिसके कारण अभी तक फैसला नहीं किया गया।
आम आदमी पार्टी की ओर से शुरुआत में कांग्रेस से 10 सीट की मांग की गई थी जिसके बाद कांग्रेस ने केवल 4-5 सीट देने ही डील AAP को दी थी। कांग्रेस उच्च सूत्रों के मुताबिक अब गठबंधन का पेंच सीटों की संख्या पर नहीं बल्कि सीट पर आ फंसा है.सूत्रों के मुताबिक़ आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के सामने ऐसी सीटों की शर्त रखी है जो सीट कांग्रेस के पास है और मज़बूत है जिसके कारण गठबंधन में काले बादल गरजते नज़र आ रहे है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस-आप के बीच गठबंधन पर फैसला एक-दो दिन में संभव हो सकता है। दोनों दलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 10 सीटों की मांग की है, उसने 10 सीटों के नाम भी बता दिए हैं, लेकिन वह सीट आप पार्टी देने को तैयार नहीं क्योंकि कांग्रेस की वह मज़बूत सीट है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने जिन 71 सीटों पर नाम तय कर लिए हैं. आम आदमी पार्टी की 10 में से 4 सीटें उसमें से भी हैं। इसलिए कांग्रेस ने पहली सूची 32 सीटों की ही जारी की, वहीं अपनी तय 71 सीटों से बाहर कांग्रेस ने शुरुआत में आप को 4 सीटें ऑफ़र दिया था जिसे बाद में बढ़ाकर 5 किया गया लेकिन आम आदमी पार्टी तैयार नहीं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने आप पार्टी से यह समझौता किया है की जब तक गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है और कोई फैसला नहीं होता है, तब तक आप की मांगी गई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची नहीं जारी करेगी। कांग्रेस का मानना है कि, आप के साथ उसे कुछ सीटें इंडिया गठबन्धन को भी देनी हैं।
इसलिए ज़मीन के सियासी लिहाज से आप बात करेगी, तो बात बन जाएगी वरना अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प तो बना ही रहेगा। कांग्रेस के बड़े नेता का यह भी कहना है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठजोड़ की जरूरत आम आदमी पार्टी को कांग्रेस से ज़्यादा है, क्योंकि मौजूदा वक़्त में कांग्रेस अपनी स्थिति को मज़बूत मान कर चल रही है और अकेले सरकार बनाने की इस्थिति में है।