India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Cabinet: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज शाम को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बैठक में विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया जा सकता है और इस संबंध में राज्यपाल से सिफारिश की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सैनी अपने पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं। संवैधानिक संकट को टालने के लिए गुरुवार तक सदन की बैठक बुलाना या फिर विधानसभा भंग करना आवश्यक है।
विधानसभा भंग होने के बावजूद चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक नायब सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्व निभाते रहेंगे। विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। नियमों के तहत, हर छह महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना अनिवार्य होता है। संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए।
इसलिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना जरूरी है ताकि संवैधानिक संकट से बचा जा सके। यदि सरकार समय रहते यह बैठक नहीं बुलाती है, तो विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखना होगा। राज्य सरकार के पास अब सीमित विकल्प बचे हैं, और संवैधानिक संकट से निपटने के लिए विधानसभा को भंग करना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री नायब सैनी का कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करना अनिवार्य होगा, ताकि प्रशासनिक कामकाज में कोई बाधा न आए। इस घटनाक्रम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस दिशा में आगे बढ़ती है।