India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Election: तिगांव विधानसभा क्षेत्र मतदाता संख्या के हिसाब से प्रदेश का सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां शहरी मतदाताओं की संख्या ग्रामीण मतदाताओं से अधिक है। इस क्षेत्र में पिछले समय में केवल गुर्जर समुदाय के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला देखने को मिला है, खासकर भाजपा और कांग्रेस के बीच।
अब आम आदमी पार्टी ने इस बार आभाष चंदेला को उम्मीदवार बनाया है। आभाष चंदेला दिल्ली के पास के इलाके और ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। उनका गांव बडौली भी इस क्षेत्र में आता है। तिगांव विधानसभा क्षेत्र पहले मेवला महाराजपुर का हिस्सा था और 2009 में इसे अलग से राजनीतिक रूप से मान्यता मिली थी।
इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 370,973 है, जिसमें 167,457 महिलाएं और 203,516 पुरुष शामिल हैं। उत्तर में दिल्ली, पश्चिम में बदरपुर बार्डर से लेकर सेक्टर-28 तक राजमार्ग, और पूर्व में यमुना नदी क्षेत्र की सीमाएं हैं। दक्षिण में पृथला विधानसभा क्षेत्र के गांव हैं। तिगांव क्षेत्र में लगभग 40 गांव हैं, जिनमें अधिकांश गुर्जर समाज के हैं। यहां राजपूत और ब्राह्मणों के भी अच्छे संख्या में मतदाता हैं।
भाजपा ने इस बार भी राजेश नागर को टिकट दिया है, जो नागर गोत्र से हैं। राजेश नागर पिछले चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार थे और इस बार भी मैदान में हैं। कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। यह देखना होगा कि चुनाव में अन्य दल किसको मैदान में उतारते हैं और इससे मुकाबला कैसा होता है।
पिछले विधानसभा चुनावों की बात करें तो 2009 में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस के ललित नागर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। कृष्णपाल गुर्जर दो बार पहले विधायक रह चुके थे, जबकि ललित नागर पहली बार चुनाव लड़ रहे थे। कृष्णपाल गुर्जर ने ललित नागर को मात्र 818 मतों से हराया था।
2014 में भाजपा की ओर से राजेश नागर ने चुनाव लड़ा, जबकि ललित नागर ने दूसरी बार कांग्रेस की ओर से मैदान में थे। इस बार ललित नागर ने राजेश नागर को 2938 मतों से हराया। 2019 के चुनाव में भी ललित नागर और राजेश नागर के बीच सीधा मुकाबला हुआ, जिसमें राजेश नागर ने ललित नागर को 33,841 मतों के अंतर से हराया। इस बार आभाष चंदेला का प्रभाव कितना होगा, यह चुनाव के परिणाम से ही स्पष्ट होगा।