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Sharadiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्र को लेकर सजे बाजार

• LAST UPDATED : October 1, 2024
  • तीन अक्टूबर से शुरू हो शारदीय नवरात्र, 11 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी
  • सजी पूजा सामग्री की दुकानें, श्रद्धालु कर रहे खरीददारी

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sharadiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्र इस बार तीन अक्टूबर से शुरू होंगे। इस बार मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा। मां दुर्गा हर बार अलग-अलग सवारी पर आती हैं। शारदीय नवरात्र की 11 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। जबकि 12 अक्टूबर को दशहरा और मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा। तीन अक्टूबर को घट स्थापना होने के साथ प्रथम भगवती स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी।

Sharadiya Navratri 2024 : हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा

तीन अक्टूबर को इस विशेष तिथि पर हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त तीन अक्टूबर को सुबह छह बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह सात बजकर 22 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने कहा कि सबसे पहले सुबह उठ कर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। पूरे घर को शुद्ध करने के बाद मुख्य द्वार की चौखट पर आम के पत्तों का तोरण लगाएं। पूजा के स्थान को साफ  करें और गंगाजल से पवित्र कर लें। अब वहां चौकी लगाएं और माता की प्रतिमा स्थापित करें। दुर्गा मां और गणेश जी का नाम लें। इसके बाद उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में कलश की स्थापना करें।

एक मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं

कलश स्थापना के लिए पहले एक मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं। फिर एक तांबे के कलश में पानी और गंगाजल डालें। कलश पर कलावा बांधें और आम के पत्तों के साथ उसे सजाएं। इसके बाद उसमें दूब, अक्षत और सुपारी डालें।  उसी कलश पर चुनरी और मौली बांध कर एक नारियल रख दें। सामग्री का उपयोग करते हुए विधि, विधान से मां दुर्गा का पूजन करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अंत में मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

सजी पूजा सामग्री की दुकानें

शारदीय नवरात्र को लेकर बाजार माता की मूर्ति, चुनरी, प्रसाद, कलश,  पंचमेवा, अखंड ज्योत व आसन से सज गए हैं। श्रद्धालु भी बाजारों में पिछले पूजा सामग्री की खरीददारी कर रहे हैं। इसके अलावा मंदिरों को भी सजाया जा रहा है। शारदीय नवरात्रों के लिए मैया की मूर्तियों के साथ ही पौषाक, चुनरी और कलश की बिक्री बढ़ी है। मंदिरों पर भी कार्यक्रमानुसार तैयारियां चल रही हैं।  पूजा के लिए कलश, नारियल, चुनरी, रोली, पान, घी, धूप बत्ती, अगरबत्ती, लोंग, सुपारी, कपूर सहित अन्य सामग्री खरीद रहे हैं।

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