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Haryana Assembly Election : हरियाणा की चर्चित सीटें, जिन पर टिकी हैं सबकी निगाहें 

• LAST UPDATED : October 6, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Election : हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद है और ईवीएम स्ट्रांग रूम में कैद है। 8 अक्टूबर को मतगणना होनी हैं, उसी दिन स्ट्रांग रूम्स के ताले खुलने के साथ-साथ प्रत्याशियों की किस्मत भी खुलेगी। हालांकि विभिन्न एग्जिट पोल अपने-अपने विश्लेषण के मुताबिक सीटों के जोड़-तोड़ का अनुमान लगा रहे हैं। स्थिति परिणाम के बाद ही स्पष्ट होगी।

Haryana Assembly Election : चाय की चुस्कियों के साथ चर्चाएं बरक़रार

फिलहाल सबकी नजर प्रदेश की कुछ वीआईपी, चर्चित अथवा हॉट सीटों पर टिकी हैं, जहां कुछ चर्चित चेहरे मैदान में थे। इन सीटों को लेकर चौक-चौराहों, गालियां-चौपालों में लोग अपने ही एग्जिट पोल निकाल रहे है और चाय की चुस्कियों के साथ चर्चाएं बरक़रार हैं कि “कित कुण बाज़ी मारेगा अर कौण कुक मारेगा” 90 सीटों में से कुछ सीटें मुख्यमंत्री के दावेदारों की है तो कुछ सीटें वी.आई.पी. व चर्चित नेताओं के नाम है।

चर्चित सीटों की चर्चा

ऐसी सीटों पर हरियाणा के राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों के अलावा हरियाणा के अधिकतर मतदाताओं की भी रुचि बनी हुई है। सभी 90 सीटों पर 8 अक्टूबर को सुबह से मतगणना शुरू हो जाएगी, लेकिन चुनाव परिणाम से पहले ही चुनाव प्रचार को लेकर व बाद में भी बनने वाले समीकरणों पर ऐसी चर्चित सीटों पर पल-पल की जानकारी ली जा रही है। हम ऐसे ही चर्चित सीटों की चर्चा करते हैं जिनका चुनाव परिणाम आगामी राजनीति को प्रभावित करने का काम करेगा।

गढी सांपला किलोई : हरियाणा में सबसे मुख्य चर्चित सीट रोहतक जिला की गढी सांपला किलोई सीट है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव मैदान में है। हालांकि यहां पर चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जीत को लेकर कोई संशय नहीं है। गढ़ी सांपला किलोई से चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा कितने अधिक मार्जन से जीत दर्ज करते हैं यह देखने वाली बात होगी। कांग्रेस को बहुमत मिलने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार होंगे। इसमें भी कोई शंका दिखाई नहीं देती।

लाडवा : प्रदेश की सबसे दूसरी चर्चित सीट लाडवा विधानसभा क्षेत्र है। यहां से कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव लड़ा है। नायब सिंह सैनी के सामने कांग्रेस के ने वर्तमान विधायक मेवा सिंह टक्कर दे रहे हैं। 8 अक्टूबर को इस सीट का परिणाम तय करेगा कि नायब सिंह सैनी विधायक बन पाते हैं या मेवा सिंह सैनी जीत कर एक नया रिकॉर्ड बना लेते है। हालांकि कार्यवाहक मुख्यमंत्री होने के कारण नायब सिंह सैनी की जीत में भी कोई संशय दिखाई नहीं देता।

अंबाला छावनी : हरियाणा में तीसरी सबसे चर्चित सीट अंबाला छावनी बनी हुई है। अंबाला छावनी से हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री निवर्तमान विधायक अनिल विज चुनाव मैदान में है। यहां से अनिल विज को चित्रा सरवारा टक्कर दे रही है। चित्रा सरवारा अंबाला शहर से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह की बेटी है लेकिन अंबाला छावनी में चित्रा सरवारा पहले चुनाव लड़ चुकी है तथा चित्रा ने विज को कड़ी टक्कर देने का काम किया है। कांग्रेस ने अंबाला छावनी से परविंदर सिंह परी को चुनाव मैदान में उतारा है हरियाणा की इस सीट की भी काफी चर्चा है।

उचाना कलां : हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से उचाना कलां भी काफी चर्चित है। उचाना कलां से हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला चुनाव लड़े हैं जबकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में डटे रहे। ऐसे में उचाना कलां से बृजेंद्र सिंह जीतते हैं और चौटाला हारते हैं तो यह भी एक चर्चा का विषय रहेगा। दूसरी ओर दुष्यंत चौटाला कितनी वोट हासिल करते हैं यह भी देखने वाली बात होगी। उचाना कलां सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी विधायक बन चुके है।

ऐलनाबाद : ऐलनाबाद सीट पर भी चुनाव परिणाम देखने वाले होंगे। ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इनेलो के नेता अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में है। ऐलनाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस ने भरत सिंह बेनीवाल को व भारतीय जनता पार्टी ने अमरचंद मेहता को चुनाव लड़वाया है।

सिरसा : हरियाणा की चर्चित सीटों में सिरसा सीट का भी प्रमुखता से नाम लिया जा रहा है सिरसा विधानसभा क्षेत्र में पैसे के बोल वाले की चर्चा भी आप लोगों में चल रही है यहां से दी वर्तमान विधायक हरियाणा लोकगीत पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा चुनाव मैदान में है कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री लक्ष्मण दास अरोड़ा के नाती गोकुल सेतिया को चुनाव लड़े है।

गोकुल सेतिया व गोपाल कांडा को कड़ी टक्कर दी है यहां गोपाल कांडा के पक्ष में एक बाबा भी प्रचार करने के लिए आए थे अब गोकुल सेतिया गोपाल कांडा को हरा देते हैं तो यह चर्चा का विषय रहेगा वही गोपाल कांडा जीत जाते हैं तो यह रिकॉर्ड भी गोपाल कांडा के नाम होगा। मतदान के दिन सांय को दोनों पक्षों में विवाद भी हो चुका है।

रानियां : हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में रानियां सीट भी चर्चा में आई हुई है रानियां सीट से चौधरी देवीलाल के बेटे व हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े तो वही उनके सामने ही अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला चुनाव मैदान में रहे। वहीं कांग्रेस पार्टी ने पहली बार एक पत्रकार को चुनाव मैदान में उतारा है यहां से कांग्रेस प्रत्याशी सर्व मित्र कंबोज चुनाव में टक्कर देने का काम किया।

हिसार : हरियाणा की अन्य विधानसभा सीटों में हिसार सीट चर्चा में आई हुई है। हिसार सीट से कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल की माता सावित्री जिंदल आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ी है। कांग्रेस ने सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा के समर्थक रामनिवास राडा को टिकट दिया हुआ है। ऐसे में हिसार सीट पर भी लोगों की नजर लगी हुई है। सावित्री जिंदल चुनाव जीत जाती है तो यह भी एक मिसाल कायम होगी जहां से भाजपा सरकार में मंत्री डा.कमल गुप्ता ने चुनाव लड़ा है।

आदमपुर : हिसार जिला में आदमपुर सीट पर भी लोगों की नजर लगी हुई है। आदमपुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते व कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई चुनाव मैदान में डटे हुए है। भव्य बिश्नोई के सामने पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी व पूर्व सांसद रामजीलाल के भतीजे चंद्रप्रकाश चुनाव मैदान में है। इस सीट पर भी चुनाव विश्लेषकों व राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों की नजर लगी हुई है। यहां परिणाम कुछ भी हो सकता है।

जुलाना:  इसी प्रकार हरियाणा की चर्चित सीटों में जुलाना की सीट भी शामिल है। कांग्रेस पार्टी ने यहां ओलपिंयन विनेश फोगाट को मैदान में उतारा है। ओलंपियन विनेश फोगाट को भारतीय जनता पार्टी के योगेश बैरागी ने टक्कर दी है तो इनेलो ने डॉक्टर सुरेंद्र लाठर को चुनाव मैदान में उतारा है वही जननायक जनता पार्टी ने निवर्तमान विधायक अमरजीत ढांडा को चुनाव लड़वाया है।

भिवानी : हरियाणा की भिवानी सीट भी चर्चा में है यहां से भारतीय जनता पार्टी के घनश्याम सर्राफ चुनाव लड़े हैं तो उनके सामने कामरेड ओमप्रकाश को इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़वाया गया है। कामरेड ओमप्रकाश के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी चुनाव प्रचार किया था। इस सीट पर भी लोगों की नजर लगी हुई है। यदि ओमप्रकाश चुनाव जीतते है तो यह हरियाणा के साथ साथ देश मेंं एक मिशाल बनने का काम करें।

तोशाम : भिवानी जिला में चौधरी बंसी लाल की राजनीति का गढ़ माना जाता है। भिवानी जिला की तोशाम सीट पर बंसी लाल परिवार के सदस्य ही आमने-सामने चुनाव मैदान में डटे हुए है। एक तरफ बंसी लाल की पुत्री भाजपा प्रत्याशी श्रुति चौधरी चुनाव मैदान में है तो उनके सामने बंसी लाल के ही पोते अनिरुद्ध चौधरी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े है। इस सीट पर चुनाव परिणाम क्या रहते हैं यह भी देखने वाली बात होगी। तोशाम सीट पर कई वी.आई.पी., सेलिब्रिटी व बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार किया है।

बादली : हरियाणा की 90 सीटों में बादली विधानसभा सीट भी चर्चा में है यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ चुनाव लड़े है। कांग्रेस पार्टी ने निर्वात मार विधायक कुलदीप वत्स को ही चुनाव मैदान में उतारा था बदली का चुनाव भी भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ की राजनीति तय करेगा।

अटेली : अटेली लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव चुनाव मैदान में उतरी हुई है। इस सीट पर भी सबकी नजर है। यदि अटेली से राव इंंद्रजीत की बेटी आरती राव चुनाव जीत जाती है तो यह राव परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने का काम करेगी। आरती राव के सामने कांग्रेस ने अनीता यादव को चुनाव मैदान में उतारा है अनीता यादव तीन बार यहां से विधायक रह चुकी है।

रेवाड़ी : इसी प्रकार रेवाड़ी की चर्चित सीट भी चर्चा में आई हुई है। रेवाड़ी से लालू प्रसाद यादव के दामाद व पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव के बेटे चिरंजीव यादव चुनाव लड़े हैं यदि चिरंजीव यादव जीतने का रिकॉर्ड बनाते है तो सरकार बनने पर मंत्री भी बन सकते है। हालांकि दावा तो वे डिप्टी सी.एम. का भी कर चुके है।

महम : हरियाणा की चर्चित सीटों में महम विधानसभा सीट भी चर्चा में आई हुई है। महम कांड के कारण पहले से ही यह सीट चर्चित रही है इस बार कांग्रेस ने यहां से आनंद सिंह ढांगी के पुत्र बलराम ढांगी को चुनाव मैदान में उतारा है तो दूसरी ओर आजाद प्रत्याशी बलराज कुंडू ने टक्कर देने का काम किया।

मतदान के दौरान आजाद प्रत्याशी बलराज कुंडू का कुर्ता फाड़ने का कांड भी हुआ है। यह किया या करवाया गया इसकी जांच चल रही है। बलराज कुंडू ने इसके आरोप कांग्रेस प्रत्याशी समर्थकों पर लगाए है। इस सीट पर भी लोगों की नजर लगी हुई है।

गोहाना : जिला सोनीपत में गोहाना सीट पर भी लोगों की नजर है गोहाना सीट से भारतीय जनता पार्टी ने सोनीपत, करनाल व रोहतक से सांसद रह चुके डॉक्टर अरविंद शर्मा को चुनाव लड़वाया है। यहां के चुनाव परिणाम भी चर्चा में रहने वाले है। वहीं अरविंद शर्मा के सामने लगातार विधायक बनते आ रहे जगबीर मलि को ही चुनाव लडवाया है।

नारनौंद : नारनौंद सीट से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु चुनाव मैदान में डटे रहे। नारनौंद सीट से कांग्रेस पार्टी ने जसवीर सिंह उर्फ जस्सी पेटवाड़ को चुनाव मैदान में उठा रहा है नारनौंद सीट के चुनाव परिणाम भी देखने वाले होंगे।

समालखा : जीटी रोड बेल्ट पर पानीपत जिला की समालखा सीट भी चर्चित सीटों में मानी जा रही है। समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने निवर्तमान विधायक धर्म सिंह छौक्कर को चुनाव लड़वाया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने करतार सिंह भड़ाना के पुत्र मनमोहन भड़ाना को चुनाव लड़वाया है।

मनमोहन बढ़ाना ने कम समय में ही चुनाव को रोचक बना दिया। करतार सिंह भड़ाना समालखा से दो बार विधायक रह चुके है। धर्म सिंह छौक्कर का मामला पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा है। मतदान से दो दिन पहले ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले से धर्म सिंह छौक्कर चर्चा में रहे। ईडी के छापे से भी समालखा चर्चा में रहा है।

सोनीपत : सोनीपत सीट भी चर्चा में रही। सोनीपत सीट से कांग्रेस ने सुरेंद्र पंवार को चुनाव लड़वाया। जब सुरेंद्र पंवार को कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित किया तो उस समय सुरेंद्र पंवार जेल में थे। सीधे जेल से आकर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया था। हालांकि मतदान से कुछ दिन पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुरेंद्र पंवार को बरी कर दिया था।

सुरेंद्र पंवार के सामने सोनीपत नगर निगम के मेयर निखिल मदान ने चुनाव लड़ा है। निखिल मदान पहले कांग्रेस में थे। ई.डी. की कार्रवाई के बाद निखिल मदान भाजपा में शामिल हो गए थे और अब भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े हैं 8 अक्टूबर का चुनाव परिणाम तय करेगा की सोनीपत का ताज किसके सिर पर सजता है।

कैथल : कैथल विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के पुत्र आदित्य सुरजेवाला चुनाव मैदान में है कैथल की सीट पर भी हरियाणा कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ विभिन्न पार्टियों के नेताओं की नजर है रणदीप सुरजेवाला अपने आप को मुख्यमंत्री का दावेदार बताते हैं यहां का चुनाव परिणाम भी चर्चा में रहेगा।

कलायत : हरियाणा की कलायत सीट भी चर्चा में आई हुई है कलायत सीट से कांग्रेस पार्टी ने हिसार के सांसद जयप्रकाश के पुत्र विकास सहारण को चुनाव मैदान में उतारा। इसके साथ-साथ दो पार्टियों के बड़े नेता भी यहां से चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा भी यहां से चुनाव मैदान में है। कलायत सीट के परिणाम भी चर्चा में रहेंगे।

होडल : इसी प्रकार हरियाणा के बड़े नेताओं व पार्टी पदाधिकारियों की बात करें तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान होडल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है। होडल सीट का चुनाव परिणाम भी देखने वाल वाला होगा।

पंचकूला : पंचकूला विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन चुनाव लड़ा है वही उनके सामने हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता चुनाव लड़े है। 8 अक्टूबर को चुनाव परिणाम तय करेगा कि यहां से कौन विधायक बनता है। पंचकूला की सीट भी काफी चर्चा में है।

ये सीटें भी चर्चा में

इसी प्रकार अन्य कई निवर्तमान मंत्रियों व नेताओं की सीटें है, जिन पर हरियाणा की जनता की खास नजर है। पलवल विधानसभा सीट से 5 बार विधायक व एक बार मंत्री रह चुके करण सिंह दलाल चुनाव लड़े है जाे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी भी है। पलवल की सीट पर भी लोगों की नजर लगी हुई है। डबवाली सीट पर देवीलाल परिवार के तीन वारिस चुनाव मैदान में है।

डबवाली सीट से कांग्रेस पार्टी के अमित सिहाग इनैलो के आदित्य देवीलाल व जजपा के दिग्विजय सिंह चौटाला चुनाव लड़े है। इस सीट को कौन अपने नाम कर पता है यह 8 अक्टूबर का चुनाव परिणाम तय करेगा। इसके अलावा वह विधानसभा सीट भी चर्चा में है जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र में पहली जनसभा की थी कुरुक्षेत्र की थानेसर सीट भी चर्चा में है यहां से कांग्रेस के अशोक अरोड़ा व भाजपा के सुभाष सुधा ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा है। गन्नौर की सीट भी आजाद उम्मीदवार देवेंद्र कादियान के कारण चर्चा में आई हुई है। प्रत्याशियों के साथ -साथ प्रदेश की जनता को भी 8 अक्टूबर का बेसब्री से इंतजार है।

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