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Adampur Assembly में हुई बेटे भव्य बिश्नोई की हार के बाद रोने लगे पिता कुलदीप बिश्नोई

• LAST UPDATED : October 9, 2024
  • आदमपुर सीट पर 60 साल से था बिश्नोई परिवार का कब्जा
  • नतीजों के बाद आज कुलदीप बिश्नोई समर्थकों के बीच पहुंचे तो वे अपने आंसू नहीं रोक सके

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Adampur Assembly : हरियाणा विधानसभा चुनाव में हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई चुनाव हार गए हैं। भव्य भाजपा की पर आदमपुर सीट पर मैदान में थे। मंगलवार को नतीजे जारी हुए जिसके बाद हर कोई हैरान है कि जिस आदमपुर सीट पर 57 सालों से बिश्नोई परिवार (भजन लाल) का कब्जा था, इस बार वो इस सीट से हार गए। अबकी बार एक पूर्व आईएएस अधिकारी ने इस अभेद किले को भेद दिया है।

Adampur Assembly : समर्थकों को संबोधित नहीं कर पाए कुलदीप

हार के बाद कुलदीप बिश्नोई भावुक नजर आए और वह समर्थकों को संबोधित नहीं कर पाए और माइक में हाथ में लेकर रो पड़े और आंसू पोंछते हुए माइक पकड़ाकर बैठ गए। नतीजों के बाद आज बुधवार को कुलदीप बिश्नोई समर्थकों के बीच पहुंचे तो वे अपने आंसू नहीं रोक पाए और भावुक हो गए। उल्लेखनीय है कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से वीवीआईपी सीट हिसार के आदमपुर से भव्य बिश्नोई चुनाव हार गए हैं।

बेटे भव्य बिश्नोई ने पिता कुलदीप बिश्नोई को सांत्वना दी

पूर्व सीएम भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्र प्रकाश ने 1268 वोटों से पराजित किया है, गौरतलब है कि हरियाणा की आदमपुर सीट 57 साल बाद भजनलाल परिवार हार गया है। कुलदीप बिश्नोई समर्थकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे। वहीं समर्थकों ने कुलदीप को कहा कि आदमपुर के लोग हमेशा आपको साथ हैं। कुलदीप बिश्नोई को रोते देखकर समर्थकों ने चौधरी भजनलाल अमर रहे के नारे लगाए। वहीं बेटे भव्य बिश्नोई ने पिता कुलदीप बिश्नोई को सांत्वना दी।

भजन लाल और उनके परिवार के लोगों का कब्जा रहा

बता दें कि आदमपुर सीट पर पहली बार 1967 में चौधरी भजनलाल जीते थे। तब से लेकर अब तक इस सीट पर भजनलाल परिवार से ही उम्मीदवार चुनाव लड़ते और जीतते आए हैं। केवल एक बार पहले चुनाव में इस परिवार के बाहर से एच सिंह विधायक चुने गए थे। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल और उनके परिवार के लोगों का कब्जा रहा है। यह अलग बात है कि 1996 के चुनाव में जब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा और उसके बाद से भजनलाल परिवार थोड़ा कमजोर भी हुआ। बावजूद इसके अभी तक कोई बाहर का आदमी यहां से विजय हासिल नहीं कर सका है। परिसीमन के बाद हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से एक आदमपुर सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ।

व्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा

वहीं भव्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा

“जब तुम अपने मस्तक पर बर्फ़ का पहला तूफ़ान झेलोगे और काँपोगे नहीं—
तब तुम पाओगे कि कोई फ़र्क़ नहीं
सब कुछ जीत लेने में
और अंत तक हिम्मत न हारने में।”
आदमपुर ज़िंदाबाद

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