होम / Uchana Assembly : बीरेंद्र परिवार को पांच साल तक रहेगी “मात्र 32 मतों से हार” की टीस

Uchana Assembly : बीरेंद्र परिवार को पांच साल तक रहेगी “मात्र 32 मतों से हार” की टीस

BY: • LAST UPDATED : October 9, 2024

संबंधित खबरें

  • पांच साल तक बीरेंद्र सिंह परिवार को चुभेगा 32 वोटों से हार का दर्द
  • पहली बार दीपेंद्र व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी लगाया था जोर, हर सीट पर निर्दलीय रहे हावी, कांग्रेस का ही किया सबसे ज्यादा नुकसान

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Uchana Assembly : उचाना विधानसभा से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को सबसे कम 32 वोटों से मिली हार की टीस अब आगामी पांच साल तक रहने वाली है। यहां से खुद बीरेंद्र सिंह पांच बार विधायक बने हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी भी यहां से विधायक रह चुकी हैं। इस बार बेटे बृजेंद्र सिंह का नंबर था लेकिन वह मात्र 32 वोटों से हार गए।

यह दर्द अगले विधानसभा चुनाव तक कम नहीं होगा

यह 32 वोटों का दर्द अगले विधानसभा चुनाव तक कम नहीं होगा। वैसे पहली बार बृजेंद्र सिंह के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा ने भी वोट मांगे थे लेकिन इसके बावजूद बृजेंद्र सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा। यह पहली बार था जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीरेंद्र सिंह को अपना भाई बोलते हुए कहा था कि बृजेंद्र हमारा प्रिय भतीजा है, इसलिए वोट इसको ही देना।

बृजेंद्र सिंह की हार का सबसे बड़ा कारण निर्दलीय प्रत्याशी बने

उचाना कलां से निर्दलीय चुनाव लड़े वीरेंद्र घोघड़िया 31456 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा निर्दलीय विकास 13456 तथा दिलबाग संडील 7373 वोट लेकर बृजेंद्र सिंह का बड़ा नुकसान कर गए। इन चारों में जाट वोट बंट गया और गैर जाट वोटों से देवेंद्र अत्री जीत गए। अब यह हार ऐसी है जो अगले पांच साल तक याद रहेगी। तब तक यह हार भुलाए नहीं भूलेगी।

यह दर्द बीरेंद्र सिंह परिवार को पांच साल तक चुभता रहेगा। वैसे बृजेंद्र सिंह की हार का सबसे बड़ा कारण निर्दलीय प्रत्याशी बने। यदि सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होता तो बृजेंद्र सिंह बड़े मतों से जीत दर्ज करते। जिले में वैसे भी भाजपा की जीत के सबसे बड़े कारण निर्दलीय प्रत्याशी ही बने हैं। उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र बीरेंद्र सिंह का गढ़ है।

सफीदों विधानसभा में भी कांग्रेस की हार का करण बने निर्दलीय

सफीदों विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष गांगोली 4037 वोटों से हारे हैं। इनकी हार का कारण भी निर्दलीय जाट प्रत्याशी ही बने। यहां से भाजपा का टिकट मांग रहे जसबीर देशवाल को टिकट नहीं मिला और वह निर्दलीय मैदान में कूद गए। जसबीर देशवाल ने 20114 वोट हासिल किए। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी बच्चन सिंह आर्य ने भी 8807 वोट लिए।

यहां पर भी जाट वोट जसबीर देशवाल और सुभाष गांगोली में बंट गया और इसका लाभ रामकुमार गौतम को हुआ। सुभाष गांगोली इसी कारण 4037 वोटों से हार गए। सुभाष गांगोली पिछले विधानसभा चुनाव में पिल्लूखेड़ा ब्लॉक के गांवों से जीत हासिल करते थेए लेकिन इस बार यहां जसबीर देशवाल ने भी आधे से अधिक वोट हासिल कर लिए।

नरवाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की बागी बनी हार का कारण

नरवाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की हार का कारण उसकी ही बागी विद्या रानी बनी। विद्यारानी ने इस बार इनेलो के टिकट पर किस्मत आजमाई और वह 46303 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रही। यहां पर भाजपा प्रत्याशी कृष्ण बेदी 11499 वोटों से जीत गए। विद्या रानी यहां से दो बार 2014 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुकी हैं। उनको कांग्रेस का टिकट नहीं मिला और वह इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ी। दो बार चुनाव हारने के कारण उनके साथ सहानुभूति भी अच्छी रही। इसी कारण कांग्रेस प्रत्याशी सतबीर दबलैण चुनाव हार गए।

Rao Inderjit Singh : “हमारे एक मुख्यमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने हमें …राव इंद्रजीत सिंह ने किस पर साधा निशाना ?

Independent MLAs ने की धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात, बीजेपी के तीनों बागियों का बीजेपी को समर्थन  

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

AAP State President Sushil Gupta ने कहा -हरियाणा में निगम चुनाव सिंबल पर लड़ेगी  ‘आप’, कार्यकर्ताओं में जोश, गुप्ता ने बीजेपी-कांग्रेस पर साधा निशाना 
Shri Dashrath Mahadev Dham Jalmana : प्राचीन तीर्थ स्थल श्री दशरथ महादेव धाम जलमाना को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग, जानें मंदिर का इतिहास और उसके पीछे की कहानी
MLA Ramkumar Gautam ने कांग्रेस और जजपा पार्टी पर साधा निशाना, कहा – धीरे-धीरे हरियाणा से विलुप्त हो जाएगी कांग्रेस, जजपा का वजूद ही ख़त्म  
Krishna Lal Panwar ने मस्जिद के वार्षिक समारोह में की शिरकत, कहा -भाजपा सरकार हर बिरादरी व धर्म का समान भावना से कर रही विकास
Biplab Kumar Deb ने की केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा, विपक्ष पर कसा तंज, बोले- विपक्ष के अधिकांश लीडर बिना पढ़े देते हैं बजट पर प्रतिक्रिया
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT