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Adampur Assembly : चुनावी दंगल में नौकरशाह से चित हुआ है बिश्नोई परिवार

• LAST UPDATED : October 9, 2024
  • दादा भजनलाल के बाद अब पोता भव्य बिश्नोई दूसरी बार आईएएस अफसर से हारा
  • 2019 में लोस चुनाव लड़ने वाले भव्य बिश्नोई को सरकारी नौकरी से वीआरएस लेने वाले आईएएस बृजेंद्र सिंह ने हराया था
  • अब विधानसभा चुनाव में सेवानिवृत आईएएस चंद्र प्रकाश ने भजन लाल के अभेद किले को ढहाया

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Adampur Assembly : हरियाणा के चुनावों में बड़ा उल्टफेर हुआ है। दिग्गज चुनावी दंगल में चित हुए हैं और राजनीति में वर्चस्व रखने वाले परिवारों को भी पटखनी मिली है। हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा में भजनलाल के पोते अपने गढ़ को बचाने में नाकाम रहे। अहम पहलू यह भी है भजनलाल परिवार को चुनावी दंगल में आईएएस अफसर की चुनौती के सामने प्रदर्शन फीका ही रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल से लेकर उनके पोते भव्य बिश्नोई आईएएस अफसर की चुनौती के सामने अपने गढ़ को बचाने में नाकाम ही साबित हुए हैं।

Adampur Assembly : आदमपुर सीट पर कभी भी बिश्नोई परिवार को हार नहीं मिली

1996 के लोस चुनाव में पूर्व आईएएस आईडी स्वामी से हारे से भजनलाल हरियाणा विधानसभा चुनाव में सेवानिवृत आईएएस चंद्र प्रकाश ने भजन लाल के अभेद किले को ढहाया है। उन्होंने भजन लाल के पोते और आदमपुर से मौजूदा भाजपा विधायक भव्य बिश्नोई को करारी शिकस्त दी है। अभी तक आदमपुर सीट पर कभी भी बिश्नोई परिवार को हार नहीं मिली है।

भजन लाल 1968 में पहली बार जीते थे। इसके बाद उनकी पत्नी, फिर कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई के बाद भव्य बिश्नोई जीते थे, लेकिन पहली भजन लाल परिवार को हार मिली है। भव्य बिश्नोई की तरह ही भजन लाल को भी 1996 के लोकसभा चुनावों में करनाल सीट पर पूर्व आईएएस ऑफिसर आईडी स्वामी (ईश्वर दयाल शर्मा) के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

भव्य के नाम दो आईएएस अफसरों से हारने का रिकॉर्ड

भव्य बिश्नोई राजनीतिक करियर में कोई खास चमक नहीं छोड़ पाए हैं। भजनलाल के गढ़ माने जाने वाले आदमपुर को भी भव्य ने गंवा दिया है। सेवानिवृत आईएएस चंद्रप्रकाश ने भव्य बिश्नोई को 1268 वोटों से शिकस्त दी। दरअसल, भाजपा ने आदमपुर से मौजूदा विधायक भव्य बिश्नोई पर भरोसा जताया था, वहीं कांग्रेस ने सेवानिवृत आईएएस चंद्रप्रकाश को चुनावी मैदान में उतारा।

चंद्र प्रकाश को 65 हजार 371 वोट मिले। वहीं भव्य बिश्नोई के हिस्से में 64 हजार 103 वोट आए। इस इलाके में दोनों पार्टियों के बीच आमने-सामने की टक्कर हुई। वहीं इससे पहले कांग्रेस की टिकट पर 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले भव्य बिश्नोई को सरकारी नौकरी से वीआरएस लेने वाले आईएएस बृजेंद्र सिंह ने हराया था।

भजन लाल की राजनीतिक विरासत को संभाल नहीं पाया पोता

भजनलाल की राजनीतिक विरासत कुलदीप के ही हाथों में थी लेकिन यह पहला मौका है जब भजनलाल परिवार आदमपुर से चुनाव हारा है। भजनलाल ने पहली बार 1968 में आदमपुर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 1977 और 1982 में भी वे यहां से विधायक बने। 1987 में चौ. देवीलाल की आंधी प्रदेश में चली और कांग्रेस के पांच ही विधायक बने। उनमें आदमपुर से भजनलाल की पत्नी जसमा देवी भी शामिल रहीं। जसमा देवी का यह पहला चुनाव था और उन्होंने इसमें जीत हासिल की।

भजन परिवार के सभी सदस्य बन चुके विधायक

आदमपुर प्रदेश का ऐसा अकेला निर्वाचन क्षेत्र है, जहां से भजनलाल परिवार के अधिकांश सदस्य विधायक बने हैं। भजनलाल के अलावा उनकी पत्नी जसमा देवी, बेटा कुलदीप बिश्नोई व पुत्रवधू रेणुका बिश्नोई भी विधायक बनीं। वहीं उनके पोते भव्य बिश्नोई भी आदमपुर से विधायक बनने में कामयाब रहे। भजनलाल ने पहली बार 1968 में आदमपुर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की और लगातार विधायक बनाकर प्रदेश के मुखिया भी बनने।

दादा के दोस्त के भतीजे से हरा पोता

बता दें कि विभाजन के समय पाकिस्तान से हरियाणा आए भजनलाल के परिवार ने फतेहाबाद के मोहम्मदपुर रोही में अपना घर बनाया। इसके बाद आढ़त के व्यवसाय के चलते भजनलाल आदमपुर मंडी में शिफ्ट हो गए। पहली बार भजनलाल ने ब्लाक समिति का चुनाव लड़ा। वे चेयरमैन की दौड़ में थे और एक पार्षद की कमी पड़ रही थी। उस समय रामजी लाल ने उनकी मदद की। इसके चलते वे ब्लाक समिति चेयरमैन बनने में कामयाब रहे। इसके बाद भजनलाल और रामजी लाल गहरे दोस्त बन गए। रामजी लाल सांसद भी रहे। अब उन्हीं रामजी लाल के भतीजे चंद्र प्रकाश ने भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को चुनाव में शिकस्त दी है।

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