होम / Haryana Election Reaction: हरियाणा के अनोखे नेता! सियासत में नहीं मिली कुर्सी तो बंद कर दी समाजसेवा

Haryana Election Reaction: हरियाणा के अनोखे नेता! सियासत में नहीं मिली कुर्सी तो बंद कर दी समाजसेवा

• LAST UPDATED : October 11, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Election Reaction: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई जगह ऐसा देखने को मिला जहाँ हार के बाद पूर्व विधायकों ने अपना असली रूप धारण किया और समाजसेवा बंद कर दी। दरअसल, लाडवा से सीएम नायब सैनी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले संदीप गर्ग ने हारते ही अपना असली रूप दिखाया। जनता से ही समर्थन माँगा फिर उन्ही को पीठ दिखा दी। दरअसल, संदीप गर्ग ने हारते ही आम लोगों को पांच रुपये में भरपेट खाना खिलाने वाली रसोई बंद कर दी है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा जनसेवक पार्टी प्रमुख और महम से पूर्व विधायक बलराज कुंडू ने महम हलके की छात्राओं को रोहतक तक निशुल्क बस सुविधा देने पर रोक लगा दी है।

  • संदीप गर्ग ने हार के बाद बंद की समाज सेवा
  • बलराज कुंडू ने भी की ऐसी ही हरकत

Haryana Election Result: हरियाणा चुनाव में हारी कांग्रेस पर…पार्टी समर्थक की कैसे हो गई बल्ले-बल्ले, जानें

संदीप गर्ग ने हार के बाद बंद की समाज सेवा

दरअसल, लाडवा में संदीप गर्ग चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद अपने असली रंग दिखाने लगे उन्हें हार बर्दाश्त नन्ही हुई तो उन्होंने गरीबों को देने वाली सेवा पर ही रोक लगा दिया। दरअसल उन्हें उन्हें इस चुनाव में मात्र 2262 वोट मिले हैं। आपको बता दें संदीप गर्ग ने अप्रैल 2022 में लाडवा के पुराने डाकखाने के पास रसोई खोली थी। बाद में लाडवा शहर के बाद हलके के गांव डीग, बाबैन, मथाना, उमरी के अलावा रादौर व शाहाबाद में भी यह रसोई खोली गई। चुनाव परिणाम आने के अगले दिन तक ये रसोई चल रही थी, लेकिन अचानक सेअब इन्हें बंद कर दिया जाता है। आपको बता दें लाडवा की इस रसोई में से लगभग 300 लोगों को भरपूर खाना मिल पाता थी। इस संबंध में संदीप गर्ग से संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

Gurugram Encroachment News : यहां चली जेसीबी, इतनी झुग्गियां और खोखों पर हुई कार्रवाई

बलराज कुंडू ने भी की ऐसी ही हरकत

इसी तरह की घटिया हरकत हरियाणा जनसेवक पार्टी प्रमुख और महम से पूर्व विधायक बलराज कुंडू ने भी की है। दरअसल उन्होंने वभि महम हलके की छात्राओं को रोहतक तक निशुल्क बस सुविधा देने के लिए 2014 में एक साथ 18 बसें चलाई थीं। विभिन्न रूट पर इन बसों से 42 गांवों की 1,800 बेटियां सफर करती थीं। लेकिन हारते ही कण्डु ने इन बसों पर रोक लगा दी है। आपको बता दें, कुंडू के कार्यालय में समर्थकों ने बसें चलाना बंद करने की मांग करते हुए कहा कि बसों का लाभ लेने वालों ने भी अहसान नहीं माना। कुंडू ने कहा कि अब वो अन्य हलकों में बसें चलाएंगे। महम हलके में जब तक कार्यकर्ता नहीं कहेंगे, तब तक बसें बंद रहेंगी।

Indian Railways : इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, एसी श्रेणी में ले जा सकेंगे सहायक

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT