India News Haryana (इंडिया न्यूज), Satyapal Malik: विपक्ष लंबे समय से ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहा है, और हरियाणा चुनाव के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव आयोग और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखकर ईवीएम पर से विश्वास उठने लगा है।
मलिक ने सोशल मीडिया पर कहा कि हाल ही में हरियाणा में हुए चुनावों में कांग्रेस पोस्टल बैलेट पेपर में 74-16 से आगे थी, लेकिन जैसे ही ईवीएम की गिनती शुरू हुई, स्थिति बदल गई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रारंभिक रुझान और एग्जिट पोल्स के विपरीत नतीजे आए हैं, जिससे ईवीएम पर संदेह गहरा हुआ है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में, यदि निष्पक्ष चुनाव की इच्छा है, तो ईवीएम को हटाना ही एकमात्र विकल्प है।
मीडिया हाउस से बातचीत में भी उन्होंने कहा कि हरियाणा के चुनाव परिणाम उम्मीदों के विपरीत आए हैं। उन्होंने कांग्रेस में एकता की कमी और मेहनत की कमी पर भी चर्चा की, यह कहते हुए कि बीजेपी के कार्यकर्ता 24 घंटे राजनीति में लगे रहते हैं, जबकि कांग्रेस के लोग उतनी मेहनत नहीं करते। मलिक ने राहुल गांधी को हार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया, बल्कि कहा कि कांग्रेस के दलित और पिछड़े वोट बीजेपी को चले गए हैं।
चुनाव परिणामों के दिन, कांग्रेस नेताओं ने भी गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाए। बीजेपी ने पलटवार करते हुए पूछा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप क्यों नहीं लगा रही है, जहां उसका गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में है। अंत में, कांग्रेस ने ईवीएम के मामले में एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है और कहा है कि जब तक पुख्ता सबूत नहीं मिलते, तब तक वे इस मुद्दे पर ज्यादा चर्चा नहीं करेंगे।