India News Haryana (इंडिया न्यूज), Municipal Council Scam: भिवानी नगर परिषद में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला हाल ही में सीबीआई जांच में उजागर हुआ है। जांच में सामने आया है कि नगर परिषद कार्यालय में चेक और ड्राफ्टों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, और सरकार से मिलने वाली ग्रांट का भी कोई दस्तावेजी सबूत नहीं था।
सीबीआई ने यह भी बताया कि इस गड़बड़ी की जानकारी पहले ही ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से विभाग के निदेशक को दी गई थी, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। सीबीआई ने भिवानी नगर परिषद के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद हरियाणा पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। हाईकोर्ट में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि म्युनिसिपल अकाउंट कोड 1930 के अनुसार नगर परिषद का एक ही बैंक खाता होना चाहिए, जबकि जांच में 108 बैंक खातों की पहचान की गई है।
इनमें से 23 बैंक खाते रणसिंह यादव और मामनचंद के कार्यकाल में खोले गए थे, और 15 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बोगस कंपनियों को जारी की गई थी। अदालत में यह भी खुलासा हुआ कि परिषद की बैठकों के लिए लाखों रुपये का खाना दिल्ली से मंगवाया गया था। बैंक मैनेजर नितेश अग्रवाल द्वारा 25 लाख रुपये का ट्रांसफर भी संदिग्ध पाया गया।
सीबीआई ने घोटालों की 5 एफआईआर की अलग-अलग रिपोर्ट भी पेश की है, जिसमें बाहरी व्यक्तियों के साथ मिलकर सरकारी फंड का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। यह स्थिति न केवल वित्तीय गड़बड़ी को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि विभागीय स्तर पर सुधार की कितनी आवश्यकता है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।