Ambala Civil Hospital News
इंडिया न्यूज, अंबाला:
कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए लोगों की जान बचाने के लिए अंबाला में 20 टन आक्सीजन की खपत हुई थी। ये आंकड़े केवल सिविल अस्पताल से जुड़े हैं। (Ambala Civil Hospital) हां एक बार और, अस्पताल परिसर में लगे पांच टन के टैंक को एक बार रिफिल करने पर 26 दिनों तक अस्पताल में भर्ती मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता था। इसमें इमरजेंसी और दूसरे वार्डों में दाखिल मरीज भी शामिल हैं।
पहले तो सबसे अधिक आक्सीजन की खपत आप्रेशन थियेटर और इमरजेंसी में दाखिल होने वाले मरीजों पर होती थी। अब कोरोना वार्ड में 60 बेडों पर दाखिल होने वाले मरीज की टूटती सांस में जान डालने पर करीब 5 टन आॅक्सीजन सिर्फ 4 से 6 दिन में ही खर्च होते रहे। इसे देखते हुए अब अस्पताल में आक्सीजन जनरेटर प्लांट लग चुका है, इससे प्रति मिनट 1000 लीटर आक्सीजन तैयार होगी जो सीधे मरीजों के बेड तक पहुंचेगी। बस इसके लिए अब जनरेटर सेट को स्थापित करके कनेक्शन किया जाना है।
नागरिक अस्पताल परिसर में लगे टैंक पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन की सप्लाई बनी रहे, इसके लिए 8 अप्रेटर की ड्यूटी शिफ्टों में लगी है।(Ambala Civil Hospital) प्रत्येक शिफ्ट में दो आप्रेटर की ड्यूटी लग रही है। बाकी के दो अप्रेटर को रिजर्व रखा जाता है, जो अस्पताल में भर्ती मरीज के बेड तक आॅक्सीजन पहुंचने में परेशानी को दूर करने का काम करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल छावनी में लगे 5 टन के टैंक में आक्सीजन रिफिल करने के लिए आइनाक्स कंपनी को ठेका दे रखा है।(Ambala Civil Hospital) इस कंपनी को आक्सीजन टैंक में लगे मीटर की सूई लाल निशान को छूटे ही डिमांड भेजी जाती है। डिमांड भेजने के पांच घंटे के भीतर कंपनी को आॅक्सीजन से भरे टैंकर को नागरिक अस्पताल परिसर में पहुंचाना होता है।
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