India News Haryana (इंडिया न्यूज), CM Saini: हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में लापरवाही बरतने वाले नोडल अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार ने ऐसे अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला लिया है, जबकि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके कृषि रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। इसका परिणाम यह होगा कि अगले दो सीजन के लिए ये किसान अपनी फसल मंडियों में नहीं बेच पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर एक्शन लेना शुरू किया है। सरकार का यह निर्णय प्रदूषण की समस्या से निपटने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। 23 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखना है, जिसके चलते अधिकारियों ने इस मामले में तैयारी शुरू कर दी है।
हालांकि, इस आदेश का कुछ जगहों पर विरोध भी हो रहा है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कृषि निदेशालय के आदेश को लागू करने से मना करते हुए कहा है कि किसानों के खिलाफ एफआईआर नहीं की जाएगी, क्योंकि राज्य के किसान इस मुद्दे पर जागरूक हैं।
इसके बावजूद, हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कैथल, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल में फसल अवशेष जलाने के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में कड़ी हिदायतें दी हैं, जिसके बाद किसानों की गिरफ्तारी और अधिकारियों को नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राज्य में पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए अब प्रशासनिक अधिकारी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।