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Ratnavali 2024 : महोत्सव में दिखेगी स्वदेशी स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भर भारत की झलक, जानें कब से होने जा रहा शुरू

• LAST UPDATED : October 22, 2024
  • 25 से 28 नवंबर तक आयोजित होगा चार दिवसीय राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव

  • कुवि के छात्र-छात्राओं द्वारा 50 से अधिक स्टाॅल में होगी स्टार्टअप इंडिया की पहल

  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय रत्नावली की तैयारियां जोरों पर

डॉ. राजेश वधवा, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Ratnavali 2024 : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 25 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाले चार दिवसीय राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में स्वदेशी स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखेगी। इसके साथ ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा स्व-निर्मित सामान के माध्यम से स्टार्टअप इंडिया की पहल काे नया बल मिलेगा। यह जानकारी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने दी।

Ratnavali 2024 : रत्नावली समारोह पूरे विश्व में विख्यात

प्रो. साेमनाथ ने कहा कि रत्नावली समारोह पूरे विश्व में विख्यात है, जहां हरियाणावी कलाकार 6 मंचों के माध्यम से हरियाणवी लोक संस्कृति के विविध आयामी रंग प्रस्तुत करेंगे। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं स्वदेशी स्वावलम्बन स्वरूप में अपने हाथ से बनाई विषय वस्तुओं को विक्रय कर रत्नावली में मुनाफा कमाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि रत्नावली समारोह में हरियाणवी देशी खान-पान को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणवी व्यंजन जहां हमारी लोक संस्कृति के द्योतक हैं, वहीं ये सात्विक और पौष्टिक हैं। सबसे खास बात है कि युवा अपने प्रदेश के व्यंजनों को जान सकेंगे।

राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह की तैयारियां जोरों पर

लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि रत्नावली समारोह हरियाणा एवं भारत में ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि इसकी धाक पूरे विश्व में है। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। उन्होंने कहा कि रत्नावली टीम से जुड़े हुए अनेक छात्र एवं छात्राएं आज विदेशों में बैठे हुए हैं, उनको रत्नावली महाकुम्भ का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस वर्ष रत्नावली समारोह में हरियाणवी सांग तो प्रस्तुत किए जाएंगे ही इसके साथ-साथ उद्घाटन समारोह की शुरुआत हरियाणा में लुप्त हो चले लूर नृत्य के माध्यम से होगी।

उल्लेखनीय है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर 32 से अधिक लोक सांस्कृतिक विधाओं को बचाकर रत्नावली के माध्यम से मंच प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि केयू पर्यटन विभाग, गृह विज्ञान विभाग, आईआईएचएस आदि संस्थानों के छात्र-छात्राएं रत्नावली क्राफ्ट मेले में विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगे। उन्होंने कहा कि चार दिन तक चलने वाले इस मेले में हरियाणवी संस्कृति के विविध स्वरूप देखने को मिलेंगे।

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रत्नावली टीम संभालेगी समारोह की कमान

युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला एवं उपनिदेशक डाॅ. गुरचरण सिंह ने बताया कि रत्नावली समारोह में लगभग 150 छात्र-छात्राओं की रत्नावली टीम तैयार की गई है। इस टीम के लिए विभाग की ओर से विशेष टी-शर्ट भी तैयार की गई है। इस टीम में भाग लेने वाले विश्वविद्यालय के विद्यार्थी छह मंचों पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था को देखेंगे। इसके साथ ही इस अवसर पर एनएसएस एवं यूथ रेडक्राॅस की ओर से स्टॉल भी स्थापित किए जा रहे हैं जिनकी कमान भी रत्नावली टीम के हाथों में होगी।

हरियाणवी खान-पान रहेगा विशेष आकर्षण

केयू टूरिज्म विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहिन्द्र चांद ने बताया कि पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी विभाग के विद्यार्थी रत्नावली समारोह में हरियाणवी खान-पान की व्यवस्था करेंगे जिसमें देसी घी का चूरमा, खीर, जलेबी, देशी हलवा सहित हरियाणवी व्यंजन पर्यटकों के लिए उपलब्ध रहेंगे।

उधर गृह-विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. तरविन्द्रजीत कौर ने बताया कि विभाग की ओर से देशी चॉकलेट, मिलेट्स का स्टॉल एवं गोल गप्पा का स्टाॅल स्थापित किया जाएगा। आईआईएचएस की प्राचार्या प्रो. रीटा दलाल ने बताया कि गृह विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा देशी मिलेट्स एवं खान-पान की विषय वस्तुओं का स्टाॅल स्थापित किया जाएगा।

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