India News Haryana (इंडिया न्यूज), Cabinet Minister Anil Vij : हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘सरकार का प्रत्येक विभाग लोगों के लिए है और हर विभाग लोगों पर अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है तथा सभी विभाग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जो भी बेहतर होगा उसे किया जाएगा’’। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभागों की बैठक आयोजित की जाएगी। विज आज यहां नई दिल्ली में मीडिया कर्मियों द्वारा ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभागों की कार्य प्रणाली के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं भारतीय जनता पार्टी का संस्कारिक कार्यकर्ता हूं हमारे लिए विभाग कोई मायने नहीं रखता, हमें तो काम करना सिखाया जाता है और मैंने तो कहा था और बुलंद आवाज में कहा था कि मेरी सरकार बन गई है मुझे चाहे चौकीदार बना दो, मैं वह कार्य भी अपनी पूरी निष्ठा के साथ करूंगा क्योंकि हमें यही सिखाया जाता है’’।
गत दिवस परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली के निरीक्षण के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘यह मेरा धर्म है और मेरा कर्म भी है क्योंकि पार्टी ने मुझे जिन विभागों का दायित्व सौंपा है कि मेरे फर्ज अनुसार मैं उनको ठीक करूं। विभागों को ठीक करने के लिए पहले उनको जानना भी जरूरी होता है इसलिए कल मैंने खुद बस में यात्रा की है, मैंने यात्रियों से भी बात की है, मैंने बस अड्डों की देखरेख को भी देखा हैं। मैंने कर्मचारियों से भी बात की है, जो बस चला रहे थे या जो बस स्टैंड पर कर्मचारी थे।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली जाएगी और चंडीगढ़ में अधिकारियों को बुलाया जाएगा और क्या-क्या समस्याएं हैं उस सबंध में जानकारी ली जाएगी और फिर उनका हल किया जाएगा। परिवहन विभाग के कार्य को लेकर मिलने वाले कमियों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ‘‘पहले चीजों को समझना जरूरी है और अभी कई ओर जगह भी जाया जाएगा और लोगों से भी बात की जाएगी, तथा उसके बाद विभाग को भी देखा जाएगा।
‘विज साहब इज़ बैक’ के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘हालांकि रात 12.05 पर लोग पूछ रहे होंगे लेकिन मैने किसी से नहीं पूछा। मैंने कहा था कि मुझे चाहे मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलियो बना दो मैं उसमें भी राजी हूं क्योंकि मेरी सरकार है। मुझे इस संबंध (पोर्टफोलियो) में कोई जानकारी भी नहीं थी कि आज पोर्टफोलियो आएंगे, मैंने देखा तो मुझे बिजली मंत्री बनाया गया और भी कई डिपार्टमेंट थे।
मैं जब सोने लगा तो मेरे मन में दूसरा ख्याल आया कि मेरा कोई बिजली का बिल देय तो नहीं है क्योंकि हम चुनाव में लगे हुए थे तो मैंने तुरंत मोबाइल पर अपना बिल देखा जिसकी देय तिथि अभी शेष थी। इसलिए 12 बजकर 32 मिनट 47 सेकेण्ड पर मैंने अपने बिजली के बिल की अदायगी कर दी’’। उन्होंने कहा कि ‘‘पहले हम अपना बिजली का बिल देंगे तभी तो हम लोगों को प्रेरित करेंगे’’।
पराली के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘पराली के संबंध में मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकारों को आदेश भी दिए जाते हैं तथा अधिकारियों को पेश होकर अपनी बात कहने और सुनने के लिए भी कहा जाता है और हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक ही कर रहे हैं’’।
प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए आरोप के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘अगर इनके (आम आदमी पार्टी) आप पुराने बयान देखें तो पुराने बयानों में पराली जलाने के बारे में यह पंजाब को ज्यादा कहते थे। चूंकि अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आ गई है तो आम आदमी पार्टी द्वारा खाली हरियाणा का नाम लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह इनकी संस्कृति है कि आम आदमी पार्टी खुद को ठीक ना करके दूसरों पर दोषारोपण किया जाए और राज किया जाए’’।
उन्होंने आप पार्टी के सम्मुख सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ‘‘आपने (आप पार्टी) यमुना को साफ करने का कहा था, वह यमुना कितनी साफ हुई आज यमुना की सफाई का आरोप भी हरियाणा पर लगाया जाता है। वह कहते हैं कि पानी हरियाणा से आता है हम कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश से आता है यह कोई ठीक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की कोई भी स्वायत एजेंसी यमुना के पानी का बीओडी चेक कर लें, हरियाणा में बीओडी चेक कर लें और दिल्ली में ओखला तक यमुना के पानी का बीओडी चेक कर लें। यमुना के प्रदूषण को दिल्ली की सरकार ने ठीक करना है लेकिन यह लोग नहीं करते। जब यमुना में झाग बनती है तो कहते हैं कि हरियाणा से आ रही है’’।
श्रम विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘श्रम विभाग में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। श्रम विभाग मजदूरों की समस्याओं को देखने और उनके उन्हें हल करने के लिए बनाया गया है परंतु मुझे लगता है कि यह श्रमिकों की कम और इंडस्ट्री की ज्यादा परवाह करते हैं।
बेशक इंडस्ट्री की भी परवाह करनी चाहिए लेकिन श्रमिकों की भी परवाह होनी चाहिए और पहले श्रमिकों की स्थितियां ठीक होनी चाहिए। जैसे कि श्रमिकों को न्यूनतम वेजेस मिल रहे हैं या नहीं मिल रहे हैं। ये वेजेस समय पर मिल रहे हैं या नहीं मिल रहे हैं। श्रमिकों से कितने घंटे काम लेना चाहिए और कितना घंटे काम लिया जा रहा है। वहां पर मानवीय सुविधाएं हैं या नहीं है। श्रम विभाग को यह सब देखना चाहिए और आने वाले समय में श्रम विभाग की भी बैठक ली जाएगी’’।
जनता दरबार आयोजित करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘हमारे नए मुख्यमंत्री ने जनता दरबार की आवश्यकता खत्म कर दी है उन्होंने आदेश जारी कर दिए हैं कि सभी अधिकारी समस्याओं को सुनेंगे और अब सारे अधिकारी लोगों की समस्याओं को सुनेंगे’’।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा ईवीएम को लेकर कोर्ट जाने के मामले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘जो आदमी हार जाता है वह कभी भी अपने ऊपर आरोप नहीं लेता, वह दूसरों पर आरोप लगता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम जब जारी की जाती है तब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पहले चेक कराई जाती है, पोलिंग स्टेशन पर भी सभी प्रतिनिधि होते हैं इसका मतलब जो उनके प्रतिनिधि थे, वह मुर्ख थे या उनको कुछ पता नहीं था।
उन्होंने कहा कि न्यायालय सभी के लिए खुले हुए हैं, कहीं भी जाओ चाहे कोर्ट में, चाहे इंटरनेशनल कोर्ट में जाओ क्योंकि चुनाव हो गया और चुनाव आयोग ने जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि जब यह (कांग्रेस) हारते हैं तभी ईवीएम खराब होती है। इन्होंने तब शिकायत क्यों नहीं करी जब हिमाचल प्रदेश में ये जीतें, कर्नाटक में जब जीते तब क्यों नहीं की और हरियाणा में भी जिन सीटों पर यह जीते हैं वहां की भी शिकायत करें’’।