होम / Supreme Court: ‘आधार उम्र निर्धारित करने का दस्तावेज नहीं’, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला हुआ रद्द

Supreme Court: ‘आधार उम्र निर्धारित करने का दस्तावेज नहीं’, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला हुआ रद्द

• LAST UPDATED : October 25, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा-पंजाब सरकार के उस फैसले को ख़ारिज कर दिया जिसमे मुआवजा देने के लिए सड़क दुर्घटना पीड़ित की उम्र निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड को स्वीकार कर लिया था। इस दौरान फैसले को खारिज करते हुए कहा कि, आधार उम्र निर्धारित करने का दस्तावेज नहीं है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस आदेश को खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब आधार कार्ड का इस्तेमाल पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है, यह जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है।

  • जानिए क्या है अदालत का आदेश
  • जानिए क्यों लिया गया यह फैसला

CM Nayab Saini: ‘गुरूग्राम को स्मार्ट सिटी बनाना पहला काम’, हरियाणा के विकास के लिए CM सैनी का बड़ा बयान

जानिए क्या है अदालत का आदेश

दरअसल इस दौरान जस्टिस संजय करोल और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि मृतक की उम्र स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र में उल्लिखित जन्म तिथि से निर्धारित की जानी चाहिए। इसके अलावा पीठ ने यह भी कहा, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने अपने परिपत्र संख्या 8/2023 के माध्यम से कहा है कि आधार कार्ड का उपयोग पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है, यह जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है।

Haryana Goverment Job: हरियाणा में 9 हजार युवकों ने आखिर क्यों छोड़ी सरकारी नौकरी? जानिए क्या है असल वजह

जानिए क्यों लिया गया यह फैसला

आपको बता दे, शीर्ष अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के फैसले को कायम रखा, जिसने मृतक की उम्र की गणना उसके स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र के आधार पर की थी। दरअसल, शीर्ष अदालत 2015 में एक सड़क दुर्घटना में मृतक एक व्यक्ति के स्वजन द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। इस कारण सुप्रीम कोर्ट को यह आदेश जारी करना पड़ा

International Geeta Festival : कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कब होगा शुरू, कौन होगा पार्टनर ? सब हुआ तय…