India News Haryana (इंडिया न्यूज), Burning Stubble: उत्तर भारत में दिवाली के आस-पास धान की पराली जलाना एक गंभीर समस्या बन जाती है। पटाखों के धुएं के साथ पराली जलाने से वातावरण में प्रदूषण बढ़ता है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है। कई किसान, इस समस्या से बचने के लिए नासमझी में पराली को आग लगा देते हैं, लेकिन इससे उन्हें भी नुकसान होता है और पर्यावरण को भी हानि पहुंचती है।
हालांकि, इस समस्या का समाधान अब संभव होता दिख रहा है। महाराष्ट्र की एक कंपनी ने हरियाणा के रोहतक जिले के लाहली गांव में एक बॉयोगैस प्लांट स्थापित किया है, जो पराली से सीएनजी गैस का उत्पादन करता है। यह पहल न केवल किसानों को आर्थिक लाभ दे रही है, बल्कि वायु प्रदूषण को भी कम करने में मददगार साबित हो रही है।
इस प्लांट की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3 टन गैस बनाने की है, लेकिन वर्तमान में यह एक टन सीएनजी गैस का उत्पादन कर रहा है। प्लांट के मैनेजर ने बताया कि वे किसानों से पराली खरीदते हैं और उसके लिए कुछ विशेष पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं, जिनके आधार पर उन्हें भुगतान किया जाता है। किसानों को आमतौर पर 50 पैसे से एक रुपये प्रति किलो की दर पर भुगतान किया जाता है, जिससे एक एकड़ पर 1500 से 2000 रुपये की आमदनी हो जाती है।