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State level Ratnavali Mahotsav : प्रदेश के गीत-संगीत, कला-संस्कृति…, ये बोले सीएम नायब सैनी

• LAST UPDATED : October 28, 2024
  • मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने किया शिल्प मेले का अवलोकन

  • रत्नावली ने प्रदेश की संस्कृति को सहेजने का किया काम, 34 विधाओं में 3 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं चुके अपनी प्रतिभा

डॉ. राजेश वधवा, India News Haryana (इंडिया न्यूज), State level Ratnavali Mahotsav : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का रत्नावली महोत्सव प्रदेश के गीत संगीत, कला और संस्कृति को लेकर युवा पीढ़ी को जोड़ने का एक अद्भुत संगम है। इतना ही नहीं, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, कौशल विकास, खेल, कला व संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित 4 दिवसीय राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, भाजपा नेता जयभगवान शर्मा डीडी, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने शिल्प मेले का अवलोकन किया।

State level Ratnavali Mahotsav : नायब सिंह सैनी ने दी त्योहारों की बधाई

वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों को दीपावली सहित सभी त्योहारों की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश हमेशा शाश्वत ज्ञान परम्परा, सम्पन्नता और योद्धाओं की वीरता का प्रमुख केन्द्र रहा है। वैदिक काल से ही इस प्रदेश की सांस्कृतिक सम्पन्नता के साक्ष्य उपलब्ध हैं। इस वैदिक काल की संस्कृति और संस्कारों को रत्नावली महोत्सव सहेजने का काम कर रहा है।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, ज्ञान-विज्ञान, अनुसंधान, कौशल विकास, खेल, कला व संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है। देश में ऐसे कम ही विश्वविद्यालय हैं जो शिक्षा के साथ-साथ अपने क्षेत्र व देश की संस्कृति को सहेजने का काम कर रहे हैं। रत्नावली महोत्सव हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का अनूठा प्रयास है।

37 वर्षों से हो रहा महोत्सव का आयोजन

पिछले 37 वर्षों से इस विश्वविद्यालय में रत्नावली महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के गीत-संगीत, कला-संस्कृति को लेकर युवा पीढ़ी को जोड़ने का यह अद्भुत प्रयास है। हरियाणा की सांस्कृतिक विकास यात्रा में इस उत्सव की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इस महोत्सव में हर वर्ष नए-नए प्रयास कर युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हरियाणवी लोक संस्कृति को पुनर्जीवित करने व युवा विद्यार्थियों में अपनी महान विरासत पर गर्व का भाव जगाने में रत्नावली महोत्सव अपनी सार्थक भूमिका निभा रहा है। साहित्य-संगीत व कला का यह अद्भुत संगम है।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मुख्यमंत्री व अन्य मेहमानों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि 1985 में 8 विधाओं और 300 कलाकारों से रत्नावली महोत्सव का आगाज हुआ था। आज इस महोत्सव के मंच पर 34 विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा रहे हैं। यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला सरकारी विश्वविद्यालय है जिसका ए-प्लस-प्लस ग्रेड है।

यह विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध, खेलों में विश्वविद्यालय में तीसरे स्थान पर, सांस्कृतिक गतिविधियों में 1100 विश्वविद्यालयों में तीसरे स्थान पर और 500 राजकीय विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर है। कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने किया।

समारोह में ये भी रहे उपस्थित

इस मौके पर पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, भाजपा नेता जयभगवान शर्मा डीडी, उपायुक्त राजेश जोगपाल, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, जिला परिषद के वाइस चेयरमैन डीपी चौधरी, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशील राणा, प्रदेश संगठन सचिव राहुल राणा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, प्रो. रमेश भारद्वाज, प्रो. संजीव अग्रवाल, समाजसेवी गुलाब सिंह सैनी, पद्मश्री महावीर गुड्डू, गजेन्द्र फौगाट, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, प्रो. रीटा, प्रो. परमेश कुमार, कुवि कल्चरल काउंसिल के प्रधान डॉ. जगदीश गुप्ता, कुलपति के ओएसडी पवन रोहिला, डॉ. गुरचरण सिंह, भाजपा नेता रविन्द्र सांगवान, डॉ. सुशील टाया सहित शिक्षक, कलाकार व विद्यार्थी मौजूद थे।

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