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Commendable campaign of Haryana Police प्रदेश में 10,000 घरों में लौटी मुस्कान

• LAST UPDATED : December 30, 2021

2021 में 10,868 लापता बच्चों और वयस्कों को ढूंढने में कामयाब रही पुलिस
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Haryana Police Campaign हरियाणा पुलिस ने इस साल जनवरी से नवंबर तक 10,868 लापता/गुमशुदा बच्चों और वयस्कों को ढूंढकर 10,000 से अधिक परिवारों के बीच खोई हुई मुस्कान वापस लाने में सफलता हासिल की। पुलिस ने जिन बच्चों को ढूंढने में कामयाबी हासिल की है, उनमें 3839 लड़के और 7029 लड़कियां शामिल हैं जो लंबे समय से किसी न किसी कारण से लापता थे। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार अग्रवाल ने बताया कि पुलिस द्वारा इस वर्ष 1813 बाल भिखारियों और 2021 बाल श्रमिकों का पता लगाकर उन्हें छुड़वाया गया है। ये बच्चे दुकानों व अन्य स्थानों पर अपनी आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करते हुए पाए गए थे।

कोविड की दूसरी लहर में भी रहा सराहनीय कार्य (Commendable campaign of Haryana Police)

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान भी पुलिस टीमों ने न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए अपराध पर अंकुश लगाया बल्कि लापता बच्चों, महिलाओं और विशेष देखभाल व सुरक्षा की जरूरत वालों को ढूंढकर उन्हें फिर से परिजनों से मिलाने को प्राथमिकता देते हुए अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया।

इतने लोगों को फील्ड इकाइयों ने किया ट्रेस (Commendable campaign of Haryana Police)

डीजीपी ने बताया कि बरामद हुए बच्चों व व्यस्कों में से 9372 को पुलिस की फील्ड इकाइयों द्वारा ट्रेस किया गया तथा बाकी 1496 को स्टेट क्राइम ब्रांच की विशेष एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) द्वारा गहरी दिलचस्पी और समर्पण के साथ चलाए गए अभियान के तहत तलाशा गया। इस नेक अभियान का उद्देश्य बताते हुए डीजीपी ने कहा कि पुलिस की भूमिका ऐसे बच्चों और वयस्कों की देखभाल और सुरक्षा प्रदान करना भी है जो किसी न किसी कारण से अपने परिजनों से बिछड़ गए। हमारी टीमें पूरी लगन व मेहनत से इस नेक कार्य में लगी हैं ताकि बाल तस्करी पर अंकुश लगाने के साथ-साथ ऐसे बच्चों को भीख मांगने और जबरन विवाह, मजदूरी, घरेलू कामगार जैसी अन्य असामाजिक गतिविधियों में धकेलने से बचाया जा सके।

सोशल मीडिया एक शक्तिशाली टूल : डीजीपी (Commendable campaign of Haryana Police)

डीजीपी ने आम नागरिकों से सतर्क रहने और लापता बच्चों को तलाशने संबंधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जैसे माध्यम दुनिया भर में गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने में वास्तव में एक शक्तिशाली टूल साबित हो सकते हैं। लापता व्यक्तियों का विवरण देने वाले ऐसे पोस्टरों की तस्वीर को क्लिक करने और प्रसारित करने में हमें कुछ ही सेकंड लगेंगे। हम नहीं जानते कि हमारा ऐसा एक संदेश किसी गुमशुदा को उसके परिवार से मिलाने में भी योगदान दे सकता है।

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