India News Haryana (इंडिया न्यूज), Union Minister Manohar Lal : केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने पिछले एक दशक में समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटे को कम करने और विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत करने में हरियाणा सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों की सराहना की है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान हरियाणा में एटीएंडसी घाटा घटकर 10.8 प्रतिशत हो गया है। मनोहर लाल ने राज्य की म्हारा गांव-जगमग गांव योजना की भी प्रशंसा की, जिसका उद्देश्य गांवों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना को पूरे देश में व्यापक सराहना मिली है।
मनोहर लाल आज हरियाणा सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ आरडीएसएस योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन), दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) तथा भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने सस्ती बिजली उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता और अधिक सुधार लाने के उद्देश्य से 2021 में आरडीएसएस योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य देशभर में एटीएंडसी घाटे को 12-15 प्रतिशत तक कम करना और 2024-25 तक एसीएस-एआरआर अंतर को शून्य करना है। 3,03,758 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ, योजना का अनुमानित अनुदान घटक 97,631 करोड़ रुपये है। हरियाणा में आरडीएसएस योजना के कार्यान्वयन के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) नोडल एजेंसी है।
योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने कॉन्ट्रेक्ट देने की प्रक्रिया में तेजी लाने और उन्हें समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने डिस्कॉम की एकीकृत रेटिंग (आईआर) और उपभोक्ता सेवा रेटिंग (सीएसआरडी) में सुधार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। डीएचबीवीएनएल और यूएचबीवीएनएल ने लगातार दो वित्तीय वर्षों 2021-22 और 2022-23 के लिए ए+ रेटिंग हासिल की है।
साथ ही इसी अवधि के दौरान बी और बी+ सीएसआरडी रेटिंग भी प्राप्त की है। इसके अलावा, केंद्री मंत्री ने सुझाव दिया कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए, घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणियों के लिए अलग-अलग बिजली बिल बनाए जाने चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने डिस्कॉम के विभिन्न बुनियादी ढांचे के कार्यों, फंड उपयोग, स्मार्ट मीटरिंग और अन्य वित्तीय मापदंडों की प्रगति की भी समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि आरडीएसएस योजना के तहत हरियाणा में पॉवर डिस्कॉम को 6695 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिसमें यूएचबीवीएन को 1527 करोड़ और डीएचबीवीएन को 5168 करोड़ रुपये शामिल हैं। 5168 करोड़ रुपये में से 3584 करोड़ रुपये फरीदाबाद और गुरुग्राम स्मार्ट वितरण कार्यों के लिए मंजूर किए गए हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि बिजली निगमों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 तक 14,662 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसकी तुलना में पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान अधिकतम मांग 13,088 मेगावाट थी। बिजली के साथ जीवन को आसान बनाने के लिए डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं के लिए सरल और समझने में आसान बिल पेश किए हैं।
इसके अतिरिक्त, उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उन्हें अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में बिजली बिलों की एसएमएस सूचनाएं भेजी जा रही हैं। उपभोक्ता अब 10 किलोवाट तक के स्वचालित लोड वृद्धि का लाभ उठा सकते हैं। इतना ही नहीं, कनेक्शन शुल्क का भी सरलीकरण किया गया है। इसके अलावा, छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए पीएम-सूर्य घर योजना के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
बैठक में ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद शाइन, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पीसी मीना, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार, विशेष सचिव निगरानी एवं समन्वय डॉ. प्रियंका सोनी, बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी, विद्युत मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री शशांक मिश्रा, संयुक्त सचिव मोहम्मद अफजल, निदेशक संतोष कुमार और पीएफसी श्री सौरव कुमार शाह और कमलप्रीत भी बैठक में उपस्थित थे।