India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly: चंडीगढ़ में जमीन के मसले को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद तीव्र हो गया है। बीते कुछ दिनों से दोनों राज्यों के नेताओं के बीच बयानबाजी का सिलसिला जारी है। मामला इस बात से जुड़ा है कि हरियाणा ने चंडीगढ़ में अपनी विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके जवाब में पंजाब ने कड़ा विरोध दर्ज किया है और यह दावा किया है कि चंडीगढ़ पर उनका ही अधिकार है, और हरियाणा को यहां जमीन नहीं दी जा सकती।
पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्यपाल से मुलाकात कर इस मसले पर अपना विरोध जाहिर किया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ का सौंदर्य और इकोसिस्टम इसके लिए खतरे में पड़ सकता है। उनके अनुसार, अगर हरियाणा विधानसभा भवन बनाना चाहता है, तो उसे चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में यह निर्माण करना चाहिए, न कि चंडीगढ़ में।
दूसरी तरफ, हरियाणा के नेता इस जमीन को लेकर अपनी दावेदारी पर अड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा का भी उतना ही हक है जितना पंजाब का। उनका मानना है कि यह विवाद लंबे समय से चल रहा है और हरियाणा को चंडीगढ़ में अपना हिस्सा मिलना चाहिए।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पंजाब के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें चंडीगढ़ पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए, जब तक एसवाईएल का पानी और हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को नहीं मिल जाते। केंद्र सरकार के इस फैसले को मंजूरी मिलने के बाद, अब यह मामला पर्यावरण मंत्रालय के पास भेजा गया है। यह विवाद केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी गहरा है। दोनों राज्यों के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत और विवाद का समाधान अब समय की मांग बन चुका है।