India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Schools Temporarily Closed : इन दिनों हरियाणा ही नहीं बल्कि दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्य प्रदूषण का दंश झेल रहे हैं। हालात यह है कि केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा दिल्ली- NCR में ग्रेड रिस्पांस सिस्टम यानी GRAP- 3 की पाबंदियों को लागू कर दिया है।
हरियाणा के 11 शहर ऐसे हैं, जहां का AQI 400 को पार कर चुका है। वहीं, जींद में यह 500 तक पहुंच चुका है, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने पांचवी क्लास तक के बच्चों के स्कूल को बंद करने का फैसला लिया। वहीं मौसम विभाग ने 16 नवंबर तक हरियाणा में कोहरे का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं राज्य के 11 शहरों में मैक्सिमम एक्यूआई 400 पार हो गया है।
उल्लेखनीय है कि इस मौसम में बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए ऐसे लोग ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। प्रदूषण के चलते बिगड़े हालातों के मद्देनज़र प्रदेश के 14 जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल में ग्रैप 3 की पाबंदियां लागू कर दी गईं हैं।
इसी के साथ बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कक्षा 5वीं तक के सभी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देशित करते हुए लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य बच्चों को प्रदूषण से बचाना और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
गौरतलब है कि हरियाणा में वायु प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि नवंबर महीने में प्रदेश के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। बता दें कि जींद का एक्यूआई 500 तक पहुंच गया है, जिसका मतलब है कि यहां सांस लेने वाला व्यक्ति एक दिन में 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर धुआं अपने अंदर ले रहा है, जो एक चिंताजनक स्थिति है।
इस बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकार द्वारा स्कूलों का बंद करना एक सराहनीय कदम है, चूंकि बच्चों और अन्य संवेदनशील समूहों पर प्रदूषण का प्रभाव गंभीर हो सकता है। धुंध और स्मॉग की स्थिति ने शहरी क्षेत्रों को अधिक प्रभावित किया है, जिससे लोगों की दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है, इसलिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया, ताकि बच्चे इस खतरनाक वायु गुणवत्ता से सुरक्षित रह सकें
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