India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sleepmaxxing: आज के समय में नींद का पूरा ना होना लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। नींद ना पूरी होने से आज के समय में लोगों को दिल और दिमाग से जुड़ी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। केवल इतना ही नहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 8 घंटी लगातार सोते भी हैं फिर भी उनकी नींद पूरी नहीं होती या सुबह उठने के बाद भी थका थका और भारी भारी महसूस होता है। तो ऐसे में आपको Sleepmaxxing ट्राई करना चाहिए। दरअसल, Sleepmaxxing एक नया ट्रेंड है, जिसमें लोग अपनी नींद की स्थति और पैटर्न को बेहतर बनाने का काम करते हैं। ताकि उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहे और नींद भी पूरी हो। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं यह स्लीपमैक्सिंग होता क्या है?
Gurugram Crime News: शादी समारोह में DJ पर हुआ ऐसा विवाद, सिर पर मारा पत्थर, उतारा मौत के घाट
दरअसल ये Sleepmaxxing दो शब्दों से मिलकर बना है (Sleep) जिसका अर्थ है नींद और (Maxing) जिसका मतलब अधिक करना। जैसा की आप शब्दों के मेल से ही समझ गए होंगे कि इसका मतलब नींद को पूरा करना है। हालांकि, Sleepmaxxing अधिक सोने के बारे में नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि आपकी नींद गहरी, आरामदायक और बॉडी को रिलैक्स करने वाली हो। स्लीप मैक्सिंग में सिर्फ 8 घंटे के सोने की कोशिश नहीं की जाती, बल्कि ये एक ऐसी कला है जिससे 8 घंटे आपको गहरी नींद मिल सकें। तो आइए जानते हैं कि, इस नुस्खे को कैसे अपनाया जाए?
अगर आप भी एक आरामदायक नींद लेना चाहते हैं तो, Sleepmaxxing के लिए एक अंधेरे और शांत कमरे की जरूरत होती है, जिसका तापमान लगभग 18 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच होनी चाहिए, इसमें एक आप आरामदायक गद्दा और तकिया लेते हैं और सबसे अहम बात की इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे कि मोबाइल, टीवी, लैपटॉप इनसे दूरी बनाकर रखते हैं। इसमें हर दिन एक निश्चित टाइम पर सोना और उठना शामिल होता है, यहां तक कि छुट्टियों के दिन में भी आपको यही पैटर्न अपनाना चाहिए। अगर आप ये फॉर्मूला अपनाते हैं तो आपको डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा और सारा दिन आपपको अच्छा महसूस होगा।
Pollution: जहरीली हवा का कहर! बहादुरगढ़ और भिवानी बना गैस चैंबर, चार जिलों में स्कूल रहेंगे बंद