India News Haryana (इंडिया न्यूज), BP Medication: हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) को अनदेखा करना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। यह न सिर्फ दिल की बीमारी और किडनी फेलियर जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है, बल्कि इससे अचानक कार्डियक अरेस्ट (सडन कार्डियक अरेस्ट) का जोखिम भी बढ़ सकता है।
विशेष रूप से, जब लोग इसे कंट्रोल करने के लिए बीपी की दवाइयां लेते हैं, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। भारत में हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य समस्या बन गई है, और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, हर चार में से एक वयस्क इससे प्रभावित है। आईसीएमआर की एक हालिया स्टडी के अनुसार, देश में 3.15 करोड़ लोग हाई बीपी के मरीज हैं।
हालांकि, बीपी की दवाइयां प्रभावी होती हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल सावधानी से किया जाना चाहिए। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि कुछ बीपी की दवाएं, जैसे निफेडिपिन और एम्लोडिपिन, सडन कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ा सकती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि निफेडिपिन की 60 मिलीग्राम की खुराक वाले मरीजों में अचानक दिल का दौरा पड़ने का जोखिम ज्यादा था, जबकि एम्लोडिपिन के सेवन से ऐसा कोई खतरा नहीं पाया गया।
यह अध्ययन यह दर्शाता है कि बीपी की दवाओं का चयन डॉक्टर की सलाह से करना बेहद जरूरी है, खासकर उन मरीजों के लिए जिन्हें पहले से दिल की बीमारी है। डॉक्टरों ने निफेडिपिन की उच्च खुराक से बचने और मरीजों को सीने में दर्द, सांस की तकलीफ या मतली जैसे लक्षणों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है। हालांकि, इस अध्ययन में केवल कुछ दवाओं की जांच की गई है, और भविष्य में अन्य दवाओं पर भी शोध की आवश्यकता है।