India News Haryana (इंडिया न्यूज), World COPD Day 2024 : विश्व सीओपीडी दिवस के अवसर पर, नई दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग के डॉक्टरों ने आज एक जन-जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस सत्र में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की समय पर पहचान, इसके प्रभावी प्रबंधन और संभावित रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर उपस्थित, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग के पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉ. इंदर मोहन चुग ने बताया कि सीओपीडी, जो कि एक सामान्य, रोकथाम योग्य और उपचार योग्य पुरानी फेफड़ों की बीमारी है, विश्व स्तर पर मृत्यु के चौथे सबसे बड़े कारणों में से एक है।
डॉ. इंदर मोहन चुग ने कहा कि “क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का समय पर इलाज अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक प्रगतिशील बीमारी है, जो वायु प्रवाह को बाधित करती है और सांस लेने में कठिनाई व पुरानी खांसी जैसे लक्षण पैदा करती है। समय पर उपचार, जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन से सीओपीडी के दैनिक जीवन पर प्रभाव को कम किया जा सकता है और श्वसन संक्रमण, हृदय संबंधी समस्याओं और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर जैसे जटिलताओं के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।”
सीओपीडी में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (जिसमें वायुमार्ग में सूजन और अत्यधिक बलगम उत्पादन होता है) और एम्फिसीमा (फेफड़ों की वायु थैलियों को नुकसान पहुंचता है, जिससे उनकी लोच कम हो जाती है) शामिल हैं। इसके लक्षणों में सांस फूलना, पुरानी खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और थकान शामिल हैं।
डॉ. चुग ने यह भी बताया कि “सर्दियों में सीओपीडी के लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं क्योंकि ठंडी हवा वायु मार्ग को संकीर्ण कर देती है, बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है और फ्लू व निमोनिया जैसी श्वसन संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बाहरी गतिविधियों में कमी, वायु प्रदूषण में वृद्धि और धुआं व धूल जैसे इनडोर प्रदूषकों के संपर्क में आने से लक्षण और बिगड़ सकते हैं।
इसलिए, सीओपीडी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए सर्दियों में अपनी स्थिति का प्रभावी प्रबंधन करना बेहद जरूरी है।” मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग, अत्याधुनिक तकनीक, विशेष क्लीनिकल दृष्टिकोण और बेहतरीन डायग्नोस्टिक क्षमताओं के साथ, विभिन्न श्वसन रोगों के उपचार के लिए पूरी तरह सक्षम है।