India News Haryana (इंडिया न्यूज), Mahendragarh Historical Fort : महेंद्रगढ़ का ऐतिहासिक किला खंडहर में तब्दील होने की ओर अग्रसर हो रहा है। लगभग 682 वर्ष पूर्व बनाया गया यह किला मराठाकाल की कला का अद्भूत नमूना है। किसी जमाने में यह अति सुरक्षित किला माना जाता था। इसके चारों ओर भूमिगत जलस्तर तक की गहरी एवं अत्याधिक चौड़ी खाई होने के कारण किले में दुश्मन का प्रवेश बहुत मुश्किल था। यह अभेद्य किला माना जाता रहा है। यह किला अब केवल आवारा पशुओं एवं असामाजिक तत्वों की शरणस्थली में परिवर्तित हो रहा है।
जी हां, मराठाकाल में निर्मित महेंद्रगढ़ का ऐतिहासिक किला खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। इस किले से एक भूमिगत सुरंग थी जो नारनौल एवं माधोगढ़ के किलों में पहुंचती थी। मराठा काल के बाद इस ऐतिहासिक किले में महाराजा नाभा के समय से जिला कारागार के अलावा उपमंडल स्तर के लगभग सभी विभागों के कार्यालय समाहित होने के कारण यह स्थान नगर एवं क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ था। 22 अगस्त 2010 को उपमंडल स्तर के सभी कार्यालय नवनिर्मित लघु सचिवालय एवं न्यायायिक परिसर में चले जाने के कारण यह ऐतिहासिक किला वीरान हो गया। जिला जेल पहले ही नारनौल स्थानांतरित कर दी गई थी।
अब यह किला केवल आवारा पशुओं एवं असामाजिक तत्वों की शरणस्थली में परिवर्तित हो रहा है। साफ-सफाई के अभाव में किला खंडहर में तब्दील होने की ओर अग्रसर हो रहा है। किले के रास्तों एवं भवनों के साथ बड़ी-बड़ी झाड़ियां व घास खड़ी है। अगर समय रहते किले की मरम्मत कार्य नहीं किया गया तो यह ऐतिहासिक इमारत अपना अस्तित्व पूरी तरह से खो सकती है। स्थानीय निवासी सुधीर दीवान ने बताया कि महेंद्रगढ़ किले का निर्माण मराठा शासक ने करवाया था।
इस किले के अंदर अब गंदगी का ढेर लगा हुआ है और जनता इसका दुरुपयोग कर रही है। महेंद्रगढ़ का यह ऐतिहासिक किला अब नशा करने वाले लोगों का अड्डा बना हुआ है। इस किले जीर्णोद्धार का कार्य बंद होने के बाद अब यह किला खंडहर होता जा रहा है। हम सरकार से मांग करते हैं कि इसके लिए ग्रांट जारी कर इस किले को खंडहर होने से बचाया जाए और विधिवत तरीके से इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए ताकि महेंद्रगढ़ शहर में यह एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सके और यहां देश-विदेश के लोग इसको देखने के लिए आए और यहां के लोगों को रोजगार भी मिल सके।
मराठा शासक नरेंद्र सिंह द्वारा किले का नाम महेंद्रगढ़ रखा गया था। उन्होंने अपने पुत्र महेंद्र सिंह के सम्मान में किले का नाम महेंद्रगढ़ रखा और फलस्वरूप यह शहर उसी नाम से जाना जाने लगा। उन्होंने कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामविलास शर्मा का इस किले से घनिष्ठ लगाव रहा है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामविलास शर्मा ने इस किले को नया रूप देने के लिए और इसके जीर्णोद्धार के लिए यहां काम शुरू करवाया था, लेकिन कोरोना काल के समय के बाद से इस किले का जीर्णोद्धार का कार्य अभी तक बंद है।