India News Haryana (इंडिया न्यूज), Farmer Protest: इसी साल जो सबसे ज्यादा चर्चाओं में आंदोलन रहा वो है किसान आंदोलन। MSP की मांग को लेकर किसानों ने शम्भू बॉर्डर पर अच्छा खासा घमासान मचाया हुआ था। जो कुछ समय से शांत था लेकिन एक बार फिर से किसान आंदोलन की चिंगारी भड़क उठी है। दरअसल, किसान जत्थेबंदियों ने छह दिसंबर को शंभू बॉर्डर से बिना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के शांतिपूर्वक दिल्ली कूच का ऐलान किया था, लेकिन अब किसान जत्थेबंदियों ने अपनी प्लानिंग में बदलाव ला दिया है।
जहाँ दिल्ली कूच शांतिपूर्वक तरीके से होना था वहीं अब ये आंदोलन आक्रोशित भी हो सकता है। दरअसल, शुक्रवार को किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों को बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ शंभू और खनौरी बॉर्डरों पर पहुंचने का आह्वान कर दिया है।
दिल्ली कूच के लिए अपनी रणनीति बदलते हुए किसान नेता रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि जत्थेबंदियों के नुमाइंदे गांव-गांव जाकर बैठकें करके किसानों को बड़ी संख्या में पहुंचने की अपील कर रहे हैं। हर गांव से तीन से चार ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लाने को कहा जा रहा है ताकि ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉलियां इकट्ठे करके केंद्र पर दबाव बनाया जा सके। पिछली बार केंद्र सरकार ने किसानों को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की थी। देखना इस बार ये है कि क्या इस बार भी केंद्र सरकार किसानों को रोकने का प्रयास करेगी या नहीं।
किसानों की मांग को उठाते हुए 26 नवंबर को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल खन्नौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। इनके अनशन पर बैठने से ठीक 10 दिन बाद यानी 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर के जरिये किसानों का दिल्ली कूच का कार्यक्रम शुरू होगा। ऐसे में पंधेर के इस बड़े एलान से जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों में हलचल तेज हो गई है।
प्रशासन ने कमर कस ली है। वहीं अब प्रशासन शम्भू बॉर्डर से हर तरफ नजरे जमाए बैठा है।इसी साल फरवरी महीने में जब किसानों ने शंभू व खनौरी बॉर्डरों से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, उस समय हरियाणा पुलिस व किसानों के बीच जबरदस्त टकराव हुआ था। इतना ही नहीं इस दौरान एक किसान की मौत भी हो गई थी। इस बार देखना ये है क्या सरकार किसानों को रोकेगी या उनकी मांगो को पूरा कर देगी।