India News Haryana (इंडिया न्यूज), Dr Jaishree Malik : आजकल प्रदूषण चरम पर पहुंच चुका है ऐसे में अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आँखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा पर एलर्जी होना आम बात है। ऐसे में क्लासिकल होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में न केवल इनका पूर्ण इलाज बल्कि इससे बचाव की भी दवाई है।
डॉ जयश्री ने बताया कि प्रदूषण की वजह से सांस की तकलीफ के मरीजों के लिए क्लासिकल होम्योपैथी एक कारगर इलाज है। होम्योपैथिक पद्धति में रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इलाज किया जाता है। बढ़ते प्रदूषण के इस मौसम में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस,एलर्जी के रोगियों को समस्या बढ़ने से पहले ही डॉक्टर की सलाह से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा ले लेनी चाहिए, ताकि समस्या को बढ़ने से पहले ही रोक दिया जाए, इसके अलावा सांस और दिल के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।
डॉ जयश्री ने बताया कि फॉग और स्मॉग के खतरनाक कॉम्बिनेशन से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) समेत लंग्स से जुड़ी परेशानियां तेजी से ट्रिगर हो सकती हैं। इसके अलावा हार्ट के पेशेंट्स को भी इस डेडली कॉम्बिनेशन से बचने की सख्त जरूरत है। ऐसे में सांस की बीमारियों के मरीज घर से बाहर न निकलें और अगर ज्यादा जरूरी हो तो घर से निकलते वक्त मास्क जरूर लगाएं।
क्लासिकल होम्योपैथी रोगी के लक्षणों को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्मॉग से होने वाले विकारों से उबरने में भी काफी मददगार है। होम्योपैथिक डॉक्टर उपचार योजना प्रदान करता है जो संपूर्ण स्वास्थ्य में बदलाव सुनिश्चित करता है। सोशल मीडिया पर कई तरह की दवाइयां उपलब्ध है लेकिन ध्यान रहे कि इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें, दवा कैसे, कब और कितनी मात्रा में लेनी है इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।