India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kiran Chaudhary : राज्यसभा सांसद किरण चौधरी आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में आयोजित संविधान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के साथ सम्मिलित हुई । इस ऐतिहासिक अवसर पर संविधान की महत्ता पर चर्चा की गई। इस दौरान कार्यक्रम में सम्मिलित हुए वरिष्ठ पदाधिकारियों, नागरिक गण और युवाओं का धन्यवाद किया उन्होंने कहा आपकी उपस्थिति ने समारोह को और भी गौरवमयी एवं प्रेरणादायक बना दिया।
रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद किरण चौधरी और रामचंद्र जांगड़ा ने प्रेरक भाषण दिए। चौधरी ने भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों पर जोर दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी को संविधान से प्रेरणा लेने की बात कही। वहीं, रामचंद्र जांगड़ा ने भारतीय संविधान के निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।
वहीं इस मौके पर पर सांसद किरण चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान “लोक हार गया और तंत्र जीत गया” पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चौधरी ने कहा कि यह एक रिपब्लिक है, और जनता ने अपने मत से फैसला दिया है। उन्हें यह मत स्वीकार करना चाहिए था, लेकिन अब हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ा जा रहा है। किरण चौधरी ने कहा,आगे कहा कि “जो लोग सुबह-शाम मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, उनके लिए यह परिणाम निराशाजनक है।
वे तो मुख्यमंत्री के घर तक की उम्मीदें पाले हुए थे और रथ तक मंगवा लिए थे। अब उन्हें हार का दोष दूसरों पर डालने का हक नहीं है।” उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा ने सिर्फ अपने परिवार और चमचों के बारे में सोचा, जबकि उन्हें कांग्रेस की नीतियों पर ध्यान देना चाहिए था। इसके कारण ही जनता ने उन्हें नकारा और भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला।
किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी और हुड्डा पर तीखा हमला करते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व का चयन अब पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। वहीं किरण चौधरी ने कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के चयन में हो रही देरी पर निशाना साधते हुए कहा, “हुड्डा को अब चुपचाप बैठकर दूसरों को मौका देना चाहिए था। लेकिन उनका ‘मैं और मेरा’ रवैया पार्टी के लिए हानिकारक है।” साथ ही, उन्होंने कहा कि रघुबीर कादियान को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए था क्योंकि वह सीनियर और सक्षम नेता हैं, लेकिन हुड्डा ने उन्हें यह अवसर नहीं दिया।