India News Haryana (इंडिया न्यूज), Diabetes Tips: ब्लड शुगर लेवल आज के दौर में हर दूसरे व्यक्ति की समस्या है। लेकिन ऐसे में ज्यादातर लोग दवाई लेना बिलकुल पसंद नहीं करते या दवाइयों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में करी पत्ता रामबाण इलाज है। ये एक ऐसा हरा पत्ता है जो ब्लड शुगर के लेवल को नैचुरल तरीके से कंट्रोल करता है। पौधे और जड़ी बूटियों का सेवन हर तरह से बेहतर हैया यूँ कहें कि हर बिमारी का इलाज है। ऐसा ही एक दावेदार है करी का पौधा, जिसे वैज्ञानिक रूप से मुरैना कोएनिगी के नाम से जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इस पत्ते के फायदे।
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करी का पत्ता केवल शुगर कंट्रोल के लिए ही नहीं बल्कि ऐसी कई बीमारियां हैं जिनके लिए बेहतर साबित हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, करी के पौधे के बीजों में फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक यौगिक जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ते हैं और मस्तिक्ष को भी राहत देते हैं। ये मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए भी काफी बेहतरीन है। आपको बता दें ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करके, करी के पौधे के बीज बेहतर समग्र चयापचय स्वास्थ्य में योगदान दे सकते हैं।
अगर आप रोज सुबह करी पत्ते का सेवन करते हैं तो ये शुगर लेवल तो कंट्रोल करेगा ही बल्कि ये मधुमेह जैसी बिमारियों के लिए भी रामबाण इलाज है। जीर्ण सूजन इंसुलिन प्रतिरोध के विकास में एक और अंतर्निहित कारक है, जो टाइप 2 मधुमेह की एक पहचान है।सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि करी के पौधे के बीजों में मौजूद यौगिकों में सूजन-रोधी प्रभाव हो सकते हैं। जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं जो इंसुलिन के कार्य को बाधित करता है और रक्त शर्करा के उतार-चढ़ाव में योगदान देता है।
सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली कि करी के पौधे के बीजों के अर्क से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है। जिससे शरीर इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकता है। इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जहाँ शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यदि करी के पौधे के बीज वास्तव में इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं। तो वे संभावित रूप से रक्त शर्करा विनियमन में सहायता कर सकते हैं।