India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Marriage: दर्शनानंद नेहरा और उनके जुड़वां बेटों की शादी ने एक नई मिसाल पेश की है, जो पर्यावरण संरक्षण और दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है। भिवानी के झुप्पा कलां गांव के निवासी दर्शनानंद नेहरा ने अपनी दोनों बेटों की शादी बिना दहेज के की और इसे पर्यावरण बचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बना दिया।
इस विवाह में जो विशेष बात थी, वह यह थी कि हर मेहमान को एक पौधा उपहार में दिया गया। ये पौधे फूलदार, फलदार और छायादार थे, ताकि पर्यावरण को शुद्ध किया जा सके और लोग इस परंपरा को आगे बढ़ाएं। सालों से हम ज़हरीली हवा का सामना कर रहे हैं, और इसका कारण खेती, उद्योग और वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है।
इस साल भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की सरकारों को इस मुद्दे पर चेताया था। ऐसे में दर्शनानंद नेहरा का यह कदम पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी शादी के लिए दहेज के नाम पर एक रुपया और नारियल लिया। इससे यह संदेश दिया कि समाज में दहेज की परंपरा को समाप्त करना बेहद ज़रूरी है।
दर्शनानंद ने अपने बेटों को भी यही शिक्षा दी और उनकी शादी में एक अनोखा बदलाव लाया। इसके बाद, पर्यावरण प्रेमी उनके चाचा लोकराम नेहरा ने दोनों बेटों को पर्यावरण की रक्षा करने की शपथ दिलाई। इस पहल से न केवल दहेज की कुरीति के खिलाफ एक संदेश गया, बल्कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी एक मजबूत कदम उठाया गया। यह शादी सच में एक प्रेरणा बन गई है।