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Atul Subhash Suicide : ‘पति के खिलाफ प्रतिशोध का औजार…’: अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद दहेज कानून के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

• LAST UPDATED : December 11, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Atul Subhash Suicide : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दहेज उत्पीड़न के मामलों में सावधानी बरतने का आग्रह किया। इसने कानून के दुरुपयोग और निर्दोष परिवार के सदस्यों के अनावश्यक उत्पीड़न को रोकने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। पीठ ने कुछ पत्नियों द्वारा न्यायिक प्रणाली को “पति और उसके परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध को उजागर करने के लिए” एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर ध्यान दिया।

Atul Subhash Suicide  : 24 पन्नों के नोट में उन्होंने न्याय व्यवस्था की भी आलोचना की

यह टिप्पणी बेंगलुरु के एक व्यक्ति की आत्महत्या के बाद दहेज कानूनों के दुरुपयोग पर गरमागरम बहस के बीच आई है। 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने अपनी मौत से पहले 80 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें अपनी अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार पर पैसे ऐंठने के लिए कई मामले दर्ज करने का आरोप लगाया।  24 पन्नों के नोट में उन्होंने न्याय व्यवस्था की भी आलोचना की है, क्योंकि न्याय व्यवस्था न्याय नहीं दे रही है।

यह टिप्पणी तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को पलटते हुए आई

सर्वोच्च न्यायालय की यह टिप्पणी तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को पलटते हुए आई है। उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति, उसके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वैवाहिक विवाद में परिवार के सदस्यों को आपराधिक मामले में नामजद करना, बिना उनकी संलिप्तता के स्पष्ट सबूत के, जल्दी ही बंद कर दिया जाना चाहिए।

जज के सामने पत्नी ने कहा था तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते

वहीं अब इस मामले में अतुल के परिवार का बयान भी आया है। इस मामले में अतुल की पत्नी समेत 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है कि घटना से पहले अतुल सुभाष ने आरोप लगाया था कि जज के सामने ही उनकी पत्नी ने उनसे कहा था कि ‘सुसाइड क्यों नहीं कर लेते’ आरोप ये भी है कि जज ये सुनकर ठहाका मारकर हंसने लगीं।

अतुल ने अपनी परेशानी को कभी महसूस नहीं होने दिया

वहीं मृतक के पिता पवन कुमार ने कहा है कि मध्यस्थता कोर्ट के लोग कानून के अनुसार काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के नियमों को भी दरकिनार कर देते हैं। उन्हें कम से कम 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर जाना पड़ा. मृतक की पत्नी ने अतुल पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए। पवन ने कहा कि उनका बेटा इससे जरूर निराश हुआ होगा, लेकिन उसने कभी महसूस नहीं होने दिया।

कल्पना भी नहीं कर सकते कि उनका बेटा किस तनाव में रहा होगा

उन्होंने बताया कि उन्हें अचानक ही इस घटना की जानकारी मिली। रात के करीब 1 बजे अतुल ने अपने छोटे भाई को एक मेल भेजा। मृतक के पिता ने बताया कि अतुल ने अपनी पत्नी पर जो भी आरोप लगाए हैं, वो 100 प्रतिशत सही आरोप हैं। उन्होंने कहा कि वो इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते कि उनका बेटा किस तनाव में रहा होगा।

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