India News Haryana (इंडिया न्यूज), Congress Opposition Leader Issue : हरियाणा विधानसभा चुनाव के 8 अक्टूबर को घोषित नतीजों के बावजूद कांग्रेस अभी तक राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के नाम पर अंतिम फैसला नहीं कर पाई, क्योंकि पार्टी नेताओं द्वारा सुझाए गए नामों पर आम सहमति नहीं बन पाई और नेता पार्टी की समिति द्वारा केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने का इंतजार कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गठित पार्टी की तथ्यान्वेषण समिति की चंडीगढ़ में बैठक हुई थी जिसमें सभी पांचों लोकसभा सांसदों के साथ पार्टी की हार के कारणों पर अलग-अलग चर्चा की गई। समिति ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्य इकाई के प्रमुख उदय भान से भी अलग-अलग मुलाकात की, जिसमें राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया भी मौजूद थे।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि एआईसीसी कोषाध्यक्ष अजय माकन और हरीश चौधरी की समिति के सदस्यों ने सांसदों से पूछा कि क्या कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मदभेद हरियाणा में पार्टी की हार का कारण बने। सूत्रों ने बताया कि समिति ने उम्मीदवारों के चयन, हाईकमान द्वारा चुने गए मानदंडों और हरियाणा में पार्टी की हार के लिए ईवीएम की भूमिका के बारे में भी पूछा। जब पूछा गया कि क्या पिछले महीनों से राज्य विधानसभाओं में विपक्ष के नेता के रिक्त पद पर चर्चा हुई तो सूत्रों ने बताया कि दो नाम आगे दिए गए। एक चंद्रमोहन बिश्नोई और दूसरा अशोक अरोड़ा का।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि जब तक तथ्यान्वेषी समिति केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती, तब तक निर्णय पर रोक लगा दी गई है। सूत्रों ने बताया कि राज्य नेताओं द्वारा विपक्ष के नेता के पद के लिए सुझाए गए दो नेताओं के अतीत को देखते हुए पार्टी में अलग-अलग विचार हैं, जिस पर एकमत होने के लिए पूरी चर्चा की जरूरत है। सूत्र ने बताया कि कई नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधानसभा में विपक्ष का नेता भी बनाना चाहते हैं।