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Haryana Sikh Ekta Dal : अच्छे उम्मीदवार का देगी साथ, खुद नहीं लड़ेगी चुनाव- हरियाणा सिख एकता दल ने किया ऐलान

• LAST UPDATED : December 12, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Sikh Ekta Dal : कुरुक्षेत्र में हरियाणा सिख एकता दल व प्रदेश की सिख संगत की मेहनत रंग लाई और सिख क़ौम की एक बड़ी मांग को पूरा करने की घोषणा हरियाणा सरकार द्वारा की गई। इस संबंध में कुरुक्षेत्र के गुरुद्वारा बैकुंठ धाम में हुई एक बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव 19 जनवरी को करवाने की घोषणा का हरियाणा सिख एकता दल ने स्वागत किया और इसे प्रदेश के सिख समाज की एकजुटता का परिणाम बताया।

वीरवार बाद दोपहर गुरुद्वारा बैकुंठ धाम में आयोजित प्रेसवार्ता में हरियाणा सिख एकता दल की कोर कमेटी के सदस्य प्रीतपाल सिंह पन्नु, अमृतपाल सिंह बुग्गा, एडवोकेट गुरतेज सिंह सेखों, लखविंदर पाल सिंह गरेवाल, जसबीर सिंह वड़ैच, अमीर सिंह, हरपिंदर सिंह विर्क (अजराना) ने सिख संगत को बढ़ चढ़कर चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की।

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हरियाणा सिख एकता दल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करते हुए मांग की है कि चुनाव की घोषणा के बाद निष्पक्ष चुनाव करवाने व गुरुद्वारा साहिब के स्टाफ व संसाधनों का चुनाव में दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार वर्तमान एडहॉक कमेटी को भंग कर चुनाव तक किसी आईएएस, आईपीएस अधिकारी अथवा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को दो महीने के लिए प्रबंधक नियुक्त करे और उसके अंतर्गत 5 सदस्यीय कमेटी बनाकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक गुरुद्वारा साहेब के सामान्य व रूटीन खर्चों को करने की जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने मुख्य चुनाव 19 जनवरी को ही करवाएं, लेकिन नॉमिनेशन भरने की तिथि 29 दिसंबर से करने की अपील भी की, ताकि शहीदी गुरुपर्व के बाद सभी इसमें जोर शोर से हिस्सा ले सकें।

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उन्होंने कहा कि हरियाणा की सिख संगत में इस बात को लेकर बड़ी नाराजगी थी कि हरियाणा के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहेब की सेवा संभाल के लिए सही व्यक्ति चुनकर भेजने का हक उनसे छीना जा रहा है व सरकार द्वारा नामांकित सदस्य गुरु मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। पिछले दो वर्ष में कमेटी का ऑडिट नहीं किया गया, कार्यकारिणी की मीटिंग में महिला सदस्यों की उपस्थिति में गाली-गलौच करने, गुरुद्वारा साहेब में नशे के साथ पुलिस को रहने की इजाजत देने जैसे अनेक गलत कार्य किए।  हरियाणा के सिखों की वोट बनवाने के लिए भी ऐडहॉक कमेटी द्वारा कोई प्रयास नहीं किए गए।

संगत के रोष के मद्देनजर व सिख समाज की अन्य मांगों की पूर्ति और गुरुद्वारा चुनाव की माँग के लिए गठित हरियाणा सिख एकता दल द्वारा पूरे प्रदेश में बैठके करने के बाद विगत 8 सितंबर को हरियाणा सिख सम्मेलन का आयोजन करनाल की नई अनाज मंडी में किया गया था जिसके प्रदेश भर से 70-80 हज़ार सिख एकत्रित हुए थे। सिख समाज की मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा सिख एकता दल के प्रदेश स्तरीय डेलीगेशन को चर्चा के लिए मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया था, जहाँ उन्होंने जनवरी माह में चुनाव का वायदा किया था।  यही वायदा गुरुद्वारा चुनाव आयोग के आयोजित जस्टिस (रिटायर्ड) एच एस भल्ला ने भी हरियाणा सिख एकता दल के डेलीगेशन से किया था।

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हरियाणा सिख एकता दल ने प्रदेश की सिख संगत से अनुरोध किया है कि वो स्वयं आगे आएं व 18 दिसंबर को चुनाव नोटिफिकेशन जारी होने से पहले अपने अपने वोट अवश्य बनवाएं। दल के सदस्यों का कहना है कि वोट बनवाना हर सिख का अधिकार ही नहीं, जिम्मेदारी भी है, क्योंकि लोकतंत्र में वोटों की गिनती ही किसी क़ौम की मांगों की माने जाने का आधार बनती है।

हरियाणा सिख एकता दल ने गुरुद्वारा चुनाव में दल के बैनर के नीचे उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है लेकिन प्रदेश के सभी 40 वार्डों में संगत की बैठकें कर ऐसे अमृतधारी गुरसिखों को संगत की ओर से चुनने के लिए प्रेरित किया जाएगा जो प्रदेश के गुरुद्वारा साहिब की मान मर्यादा को किसी भी कीमत पर भंग न होने दें, इसे पद न समझ कर सेवा समझें, किसी राजनीतिक दल के प्रभाव अथवा दबाव में न आयें और गुरु की गोलक का इस्तेमाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए नहीं बल्कि सिख कौम के हित व गुरुबानी के प्रचार प्रसार में खर्च करें।

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