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Manohar lal Statement On Budgt किसान ड्रोन के उपयोग व प्राकृतिक खेती को देंगे बढ़ावा

• LAST UPDATED : February 2, 2022

Manohar lal Statement On Budgt

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Manohar lal Statement On Budgt हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने कहा कि कल पेश हुए केन्द्रीय बजट में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक कदम उठाए गए हैं। रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद व खरीफ 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद में 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं एवं धान शामिल होगा तथा एमएसपी मूल्य के 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान सीधा किसानों के खातों में किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में पहले से ही किसानों की फसल खरीद का भुगतान उनके खातों में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी के उपयोग को रेखांकित करते हुए कृषि फसलों का आकलन, भूमि दस्तावेजों का डिजिटलीकरण तथा कीटनाशकों और पोषक तत्वों का छिड़काव करने के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पहले से ही ड्रोन ऑथोरिटी का गठन किया हुआ है ।

प्राकृतिक खेती पर अधिक ध्यान (Manohar lal Statement On Budgt)

सीएम ने बताया कि बजट में रसायनों का उपयोग न करके प्राकृतिक खेती पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके प्रथम चरण में गंगा नदी से सटे पांच किमी चौड़े गलियारों (कोरिडोर्स) के अंतर्गत आने वाली किसानों की जमीनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

किसानों के लिए डिजिटल और हाइटेक सेवाएं (Manohar lal Statement On Budgt)

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी मोड में एक नई योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थाओं के साथ-साथ निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियां और कृषि मूल्य श्रृंखला के हितधारक शामिल होंगे।

कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए स्टार्ट-अप कोष (Manohar lal Statement On Budgt)

मनोहर लाल ने कहा कि सह-निवेश मॉडल के अंतर्गत सृजित मिश्रित पूंजीयुक्त कोष के लिए नाबार्ड से सहायता प्रदान की जाएगी। इस कोष का उद्देश्य ह्यकृषि उत्पाद मूल्य श्रृंखला के लिए उपयुक्त कृषि और ग्रामीण उद्यमों से संबंधित स्टार्ट-अप्स का वित्त पोषण करनाह्ण होगा। इन स्टार्ट-अप्स के क्रियाकलापों में अन्य बातों के अलावा किसानों को फॉर्म स्तर पर किराये के आधार पर विकेन्द्रीकृत मशीनरी उपलब्ध कराना, एफपीओ के लिए आईटी आधारित सहायता उपलब्ध कराना जैसे कार्य शामिल होंगे।