प्रवीण वालिया, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Maharana Pratap Horticultural University : महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा के नेतृत्व में वैस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ एक करार कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। समझौते में दोनों ही विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी दोहरी डिग्री हासिल सकेंगे, स्वैच्छिक विकल्प चुनने वाले विद्यार्थी ही दोनों यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर पाएगे। इसके लिए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय को वैस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया से समझौते को लेकर पुष्टि पत्र मिल चुका हैं।
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एमएचयू शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता की ओर बढ़ रही है, पिछले वर्ष एमएचयू ने 4 अलग-अलग ख्याति प्राप्त देशों के साथ समझौते करने की ओर अग्रसर हुआ। इसी कड़ी में वैस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर समझौता हुआ है, जिसकी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। आस्ट्रेलिया से समझौते की पुष्टि हो चुकी है। समझौते के परिणाम स्वरूप दोहरी डिग्री योजना के रास्ते खुले हैं। बागवानी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान को बढ़ावा देने एवम उच्च गुणवत्ता वाले स्नातकोत्तर एवं पीएचडी में विभिन्न कार्यक्रम शुरू करने का विकल्प निकलकर सामने आए।
माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू वेस्ट्रेन सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर मधुमक्खी पालन, बॉयो टैक्नोलॉजी तथा संरक्षित खेती पर अनुसंधान शुरू करेगा, ताकि बागवानी फसलों की अधिक गुणवत्ता वाला उत्पादन लेने के लिए आधुनिक तकनीकों का विकास होगा, जिसका सीधा फायदा हमारे किसान भाईयों को मिलेगा, जो देश के किसानों के लिए तरक्की दरवाजे तेज गति से खोलने के लिए दिशा में महत्वपूर्ण साबित साबित होगा।
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महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय किसानों को विश्व स्तरीय उन्नत तकनीके उपलब्ध करवाने के लिए गंभीरता के साथ काम कर रहा हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे। विश्व की बेहतरीन बागवानी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम किया जा रहा हैं ओर वहां पर बागवानी की खेती के उन्नत मॉडल पर शोध करके भारत के बागवानी के क्षेत्र के अनुरूप ढालकर किसानों तक पहुंचाया जाएगा। जो हमारे किसान भाईयों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू ने पिछले साल इग्लैंड की बुरुनल यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू हुआ था, जिसके तहत सौर उर्जा आधारित शीत भंडारण पर अनुसंधान कार्य शुरू हो चुका है। इसी तरह जापान की कोच्चि विश्वविद्यालय के साथ भी अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए समझौता हुआ। दोनों ही विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक नई तकनीकों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय उर्वरक विकास केंद्र अमेरिका के साथ भी एमओयू हो चुका है।