होम / Heart Attack-Stroke : लापरवाही पड़ सकती है भारी, सेहत को लेकर रहें सजग, ठंड से बढ़ा बीपी, हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

Heart Attack-Stroke : लापरवाही पड़ सकती है भारी, सेहत को लेकर रहें सजग, ठंड से बढ़ा बीपी, हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

BY: • LAST UPDATED : January 8, 2025
  • सर्द मौसम और कोहरे को देखते हुए रखें सेहत का विशेष ध्यान

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Heart Attack-Stroke : पिछले कुछ दिनों के मौसम का मिजाज उम्मीद से ज्यादा ठंडा है। कभी बादल, कही बारिश कभी धुंध तो कभी शीतलहर की वजह से अचानक से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। सर्दियों का यह मौसम वैसे तो कई मामलों में आनंद वाला होता है, लेकिन इस दौरान सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है। आजकल बर्फीली हवा, खून जमा देने वाली ठंड है। संभल कर रहिए। यह ठंड बीपी, हार्ट और चेस्ट पर अटैक कर रही है। कड़ाके की ठंड में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, पैरालिसिस के मामले बढ़ रहे हैं। इस मौसम में जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

Heart Attack-Stroke : दिल-दिमाग को दुरुस्त कैसे रखें

यह कहना है वरिष्ठ फिजीशियन डॉ संजय सेन का। बढ़ती ठंड में दिल-दिमाग को दुरुस्त कैसे रखें इस बारे में डॉ संजय सेन से दैनिक आज समाज अखबार की टीम से खास बातचीत की, ताकि लोग अपनी सेहत को लेकर सजग हो सकें और जरूरी एहतियात बरतें। डॉ संजय सेन ने बताया कि ठंड में हार्ट अटैक आदि का खतरा रहता है। पिछले दो सप्ताह में हार्ट अटैक के एक दर्जन से अधिक मामले आए हैं। ऐसे में बीपी, शुगर और गंभीर बीमारी के मरीजों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

अनुवांशिक भी है हार्ट अटैक

डॉ संजय सेन ने बताया कि हार्ट अटैक अनुवांशिक भी हो सकता है। यानी माता-पिता को अटैक आया है तो उनके संतानों को अलर्ट हो जाना चाहिए। इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। इसे सिर्फ अपनी जीवनशैली को बदलकर रोका जा सकता है। अल्कोहल एवं धूम्रपान भी हार्ट अटैक का कारण हो सकता है। इससे बचना जरूरी है।

बीपी के मरीजों को विशेष सावधानी

ठंड का मौसम उन लोगों के लिए भी समस्याकारक है जिनको ब्लड प्रेशर है। तापमान कम होने के कारण रक्त वाहिकाएं अस्थायी रूप से संकीर्ण हो जाती हैं, इससे रक्तचाप बढ़ जाता है क्योंकि संकुचित नसों और धमनियों के माध्यम से रक्त को प्रवाहित होने में कठिनाई होने लगती है। ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हृदय रोगों और इसके जटिलताओं को भी बढ़ाती है। ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और कंट्रोल कम करना बहुत जरूरी है।

हार्ट अटैक के ये संकेत

सीने में दर्द का होना
चलने के दौरान सीने में दर्द होना
अचानक अत्यधिक पसीना आना
सीने में दर्द के साथ घबराहट और बेचैनी
बचने के लिए क्या करें
नियमित व्यायाम
मॉर्निंग वॉक
तले और भुने खाद्य पदार्थों से परहेज
आधुनिक जीवन शैली में सुधार

ठंड में कौन-कौन सी बीमारियां बढ़ रही, क्या है वजह

डॉ संजय सेन ने बताया कि ठंड में बीपी, हार्ट, चेस्ट, ब्रेन हैमरेज, पैरालिसिस, निमोनिया और हड्डियों से संबंधित बीमारियां बढ़ जाती हैं।, क्योंकि ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है और रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं, ऐसे में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। इससे बीपी बढ़ जाता है, हार्ट अटैक पड़ता है, ब्रेन स्ट्रोक पड़ता है, जिससे ब्रेन हैमरेज, पैरालिसिस हो जाता है। ठंड में लोग निमोनिया से अधिक ग्रसित होते हैं। दमे के मरीजों को भी दिक्कत हो जाती है। उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है। ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर उसका असर दिमाग पर भी पड़ता है।

कैसे पता लगाएं कि ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है?

जब ब्लड प्रेशर बढ़ता हाउ तो सिरदर्द होगा, चक्कर आएंगे, उल्टी आएगी, जी मिचलाएगा, सांस फूलना बीपी बढ़ने के लक्षण हैं। ऐसा होने पर तुरंत बीपी मशीन से चेक करना चाहिए।

हार्ट अटैक या पैरालिसिस का पता कैसे लगाएं ?

डॉ सेन ने बताया कि हार्ट अटैक होने पर अचानक गिर सकते हैं, जी घबराएगा, ठंडे पसीने जाएंगे। वहीं पैरालिसिस के लक्षण जुबान का तुतलाना, हाथ या पैरों में झनझनाहट, मुंह का तिरछा होना, बार बार चक्कर आना, शरीर का संतुलन बिगड़ना।

ठंड में हार्ट, बीपी, स्ट्रोक की बीमारियां बढ़ने की वजह क्या है?

डॉ सेन ने बताया ठंड में जहां रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं, वहीं खून गाढ़ा हो जाता है, इसके अलावा लोग पानी कम पीते हैं और घी, तेल की वस्तुएं अधिक खाते हैं। रक्त धमनियां सिकुड़ने और खून गाढ़ा होने पर खून का दौरान कम हो जाता है, घी तेल भी नसों में जम जाता है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, ऐसे में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। और दिल को करीब 25 प्रतिशत अधिक पंपिंग करनी पड़ती है। वहीं उम्र के हिसाब से की बात की जाए तो हार्ट अटैक का रोग यूं तो युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ठंड में हार्ट अटैक की अधिक संभावना रहती है। वहीं महिलाओं में भी उक्त बीमारियों के साथ-साथ फ्लू के चांस रहते हैं। गर्भवती महिलाओं में फ्लू होने का खतरा रहता है।

किन-किन रोगों से ग्रसित लोगों के लिए अधिक घातक है यह ठंड ?

ठंड हार्ट, बीपी, दमा, लकवे, दिमाग के मरीजों के लिए अधिक घातक है। हार्ट अटैक होने, बीपी बढ़ने, सांस थमने, दिमाग व मिर्गी के मरीजों को दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है, ऐसे मरीजों को बेहद सतर्क रहने और वरिष्ठ चिकित्सक के संपर्क में लगातार रहने की जरूरत है।

क्या करें, क्या न करें?

  • ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहने। सिर पर गर्म टोपी या मफलर बांधे।
  • अधिक ठंड में घर से बाहर न निकलें, यदि निकलें तो दिन छिपने से पहले घर लौट जाएं।
  • दिन में गुनगुना पानी कम से कम ढाई लीटर जरूर पिएं।
  • कम घी तेल में बना भोजन लें, तली भुनी चीजों का परहेज करें।
  • अधिक ठंड में मार्निंग या ईवनिंग वॉक पर न जाएं।
  • घर के अंदर हलका व्यायाम करें, योग करें।
  • घर के अंदर ही चहल कदमी करें।
  • अमरूद, संतरें, चीकू आदि फल खाएं।
  • हरी सब्जियों का भोजन करें।
  • भोजन में नमक कम से कम खाएं।
  • गाजर या अन्य वैजिटेबल सूप पिएं।
  • धूप निकलने पर धूप का आनंद लें।
  • चीनी से बनी या अन्य मीठी चीजों का सेवन कम करें।
  • अदरक का छोटा टुकड़ा और लहसुन दो जवे खाएं।
  • तबीयत खराब होने पर तुरंत वरिष्ठ चिकित्सक को दिखाएं या सलाह लें।

Sonipat Police Action in 2024 : वर्षभर में 113 शिकायतों पर 110 एफआईआर दर्ज, 65 सुलझाई, 41.27% का निपटारा

Girl Cardiac Arrest : मैसूरु स्कूल में 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत, तीसरी कक्षा की थी छात्रा, स्कूल में बिगड़ी थी तबीयत

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT