प्रवीण वालिया, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Karnal Banerjee Sisters : करनाल का नाम अपनी सोच से ऊंचा कर चुकी करनाल की दो बेटियां अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रू-ब-रू होंगी। आज से 11 साल पहले उन्होंने ही सबसे पहले बेटियों को बचाने की अपील के साथ पीएम को पत्र लिखा था। इनमें से एक आस्ट्रेलिया में एक दिन की सांसद बन चुकी है। करनाल की बेनर्जी सिस्टर्स संजोली बैनर्जी तथा अन्या बनर्जी 11 और 12 जनवरी को नई दिल्ली के भारत मंडापम में आयोजित विकसित भारत यूथ डायलॉग 2025 में भाग लेंगी।
दोनों बहनों, संजोली (25) और अनन्या बैनर्जी (21) को युवा मंत्रालय से निमंत्रण मिला है। दोनों बेटियों को युवा व खेल मंत्रालय तथा स्पोर्ट्स के युवा आईकोन के तौर पर न्योता मिला, जिसमें उन्हें पूर्ण भारत से भाग लेने वाले युवा को मैंटर्स करना होगा। दोनों बहनें करनाल स्थित, सारथी नामक संस्था चलाती हैं, जिसके द्वारा वे मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा व मासिक धर्म और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर जागरुकता फैलाने का काम करती हैं। वे भारत के सात से ज्यादा राज्यों और 1.5 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंच चुकी हैं। उन्हें अब प्रधानमंत्री मोदी से मिलने व अपनी सोच रखने का अफसर मिलेगा।
वे आनंद महिंद्र, सुपर 30 के आनंद कुमार, भाईचंग भूटिया जैसे गणमान्य व्यक्तियों के साथ मंच साझा करेंगी। आज से दस साल पहले करनाल की बेनर्जी सिस्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। गर्भ की बेटी करे पुकार पीएम अंकल बचा लो मुझे। इस पत्र के बाद हमने आईएमसी के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पद यात्रा निकाली। उसके बाद पानीपत में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को पीएम ने उद्घोष किया। इससे पहले उन्हें ग्रेट बिटेन, यूएनओ आस्ट्रेलिया जर्मनी मेें अपनी बात कहने का अवसर मिला। उन्हें ग्रेट ब्रिटेन का डायना अवार्ड मिला।
उन्हें आजाद भारत की टाप पचास महिलाओं की सूूची में शामिल किया गया। आस्ट्रेलिया में एक दिन का सांसद बनने का अवसर मिला। बेटी अनन्या बेनर्जी ने पत्रकारों से कहा कि जन्म से पहले उनके पिता पर उसको गर्भ में मार देने का दबाव समाज के लोगों ने डाला था, लेकिन उसके पिता नहीं झुके और उसने इस जहां में जन्म लिया। उसने बताया कि उसका जन्म करनाल में हुआ था। उसके पिता ने उसके जन्म पर लोहड़ी मनाई थी।
वहीं कन्या भ्रूण हत्याके खिलाफ उसकी बहन संजोली तथा उसने अपने माता-पिता के साथ प्रदेश के गांवों, शहरों तथा सात राज्यों में अभियान चलाया। इसके बाद उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ बेटी फिल्म का निर्माण किया। उसके बाद दूसरी फिल्म अर्थ इन फ्लेम बनाई। यह प्रदूषण पर आधारित थी। अनन्या ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिए।
इनमें हर परिवार के लिए लिंग जांच करना अनिवार्य करार देना, हर अस्पताल में समुचित संख्या में अल्ट्रा साउंड मशीनों को रखना, हर माता के लिए भ्रूण का पंजीयन अनिवार्य करना, सरकार की तरफ से बच्ची तथा उसकी माता को चार माह तक दवा तथा जांच अनिवार्य करना, डिलीवरी तारीख पर रिकाॅर्ड को जांचने के लिए कानून बनाना शामिल है। अनन्या ने नेशनल कमीशन फार गर्ल चाइल्ड का गठन, प्राइवेट अस्पतालों में गर्भपात की वीडियोग्राफी अनिवार्य करने, बेटी के जन्म के बाद पांच साल तक उसका सुपर विजन करने व हर बच्चे को जन्म के बाद यूनिक आईडी देने की मांग की है।