इंडिया न्यूज ।
What Are The Benefits of Curd Frozen in An Earthen Pot : अक्सर घरों में स्टील के बर्तनों में दही जमाने का काम किया जाता है । लेकिन क्या आपको पता है मिट्टी के बर्तनों में दही जमाने से हमारे शरीर को कई प्रकार के फायदे होते है । आईये आज हम उनके बारे में और दही कैसे जमाएं बताते है । घर पर जमा दही का स्वाद बिल्कुल अलग होता है और सस्ता और केमिकल से फ्री होने के अलावा यह फायदों से भरपूर होता है।
दही में कई पोषक तत्व होते हैं, जो आपको स्वस्थ रखते हैं। फॉस्फोरस और कैल्शियम से भरपूर दही के सेवन से पेट के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां भी दूर होती हैं। इससे आपके दांत और हड्डियां मजबूत बनती हैं। लेकिन दही को मिट्टी के बर्तन में जमाया जाए तो इसका स्वाद बहुत ही अच्छा लगता है।
ये बर्तन आसानी से उपलब्ध है और हमारे पूर्वजों द्वारा पारित एक परंपरा है। माना कि उस समय हमारे पास आज की तरह कांच या प्लास्टिक के कंटेनर नहीं थे। चाहे हम कितने भी एडवांस हो जाएं, लेकिन इन बर्तनों के अभी भी बहुत फायदे हैं। ये फायदे आपको एहसास कराएंगे कि दही को मिट्टी के बर्तन में क्यों बनाना चाहिए।
मिट्टी के बर्तन झरझरे होते हैं जो उन्हें पानी सोखने वाले बनाते हैं। मिट्टी के बर्तन अतिरिक्त पानी सोख लेते हैं और इससे दही गाढ़ा हो जाता है। कांच या धातु में दही द्वारा विस्थापित पानी भीतर रहता है जिससे वह बहता और पानी जैसा हो जाता है।
जब ठंडक ज्यादा होती है,तब घर पर दही बनाना मुश्किल होता है क्योंकि इसे एक निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है। लेकिन जब मिट्टी के बर्तनों की बात आती है तो आपको पता होना चाहिए कि मिट्टी हीट रेसिस्टेंट है इसलिए यह दही को इन्सुलेट करती है और तापमान में उतार-चढ़ाव से बचाती है। जी हां दही जमाने के लिए उसे सही टेम्?परेचर में रखना बहुत जरूरी है और मिट्टी का बर्तन नॉर्मल तापमान को बनाए रखने में मदद करता है। बाहरी तापमान में उतार-चढ़ाव का दही पर कोई असर नहीं पड़ता है।
मिल्क प्रोडक्ट्स और दही एसिडिक प्रकृति के होते हैं लेकिन जब आप इसे मिट्टी के बर्तन में बनाते हैं,तो एसिडिटी संतुलित हो जाती है। इससे दही कम खट्टा होता है और एकदम मीठा जमता है। जिससे यह हमारे सिस्टम में पचाने के लिए अधिक संतुलित हो जाता है। जो लोग बिना चीनी डाले दही नहीं खा सकते हैं, वे पाएंगे कि मिट्टी के बर्तन में रखा दही स्वाभाविक रूप से मीठा और इतना स्वादिष्ट होता है कि उन्हें चीनी डालने की आवश्यकता नहीं होगी। इसे अजमाएं।
कभी असली मिष्टी दही खाई है टेस्ट के अलावा आपको जो मिट्टी का फ्लेवर मिलता है,वह मिट्टी के बर्तनों की बदौलत होता है। जब आप मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करती हैं तो उनका स्वाद बहुत अच्छा होता है।
यहां तक कि शेफ संजीव कपूर ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है कि दही का स्वाद कितना अलग हो सकता है, यह समझने के लिए, मिट्टी के बर्तन में और दूसरा धातु के कंटेनर में बनाएं और फिर आपको पता चल जाएगा।
अगर आप पूरी तरह से मिट्टी से बने बर्तन में दही जमाते हैं,तो यह कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे मिनरल्स से भरपूर होगा। इस तरह से तैयार किया गया दही प्लास्टिक या स्टील के कंटेनर में तैयार दही की तुलना में पोषण में अधिक और पचने में आसान होता है। इसके अलावा,भारत में मिट्टी के बर्तन खाना पकाने के अन्य बर्तनों की तुलना में सस्ते होते हैं।
आप अपने पर्स में छेद किए बिना उन्हें विभिन्न शेप और साइड में प्राप्त कर सकती हैं। आप इन्हें आॅनलाइन भी आर्डर कर सकती हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि हर बार इस्तेमाल करने के बाद बर्तनों को अच्छी तरह से साफ और धो लें और उसमें तैयार किए गए टेस्टी दही का मजा लें।
स्टेप 1: अधिकतम पोषण पाने के लिए दही सेटिंग के लिए एक बिना कांच के मिट्टी के बर्तन का उपयोग करें। ग्लेज्ड किस्म हालांकि अधिक आकर्षक होती है, लेकिन बिना ग्लेज्ड की तुलना में उतने मिनरल्स को बरकरार नहीं रख पाती है।
स्टेप 2: दही को गाढ़ा और मलाईदार बनाने के लिए भैंस या गाय के दूध का उपयोग करें।
स्टेप 3: दही जमाने के लिए गर्म दूध का इस्तेमाल करें- न ज्यादा गर्म और न ही ठंडा। दूध ज्यादा गर्म या ठंडा होगा तो दही ठीक से जम नहीं पाएगा।
स्टेप 4: सुनिश्चित करें कि मिट्टी के बर्तन में स्टार्टर दही (पहले से सेट दही की थोड़ी मात्रा) के साथ गर्म दूध को अच्छी तरह से कवर और गर्म स्थान पर रख दिया गया हो। तभी दही अच्छी तरह से जमेगा।
स्टेप 5: सेट दही को खट्टा होने से बचाने के लिए तुरंत फ्रिज में रख दें।
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