इंडिया न्यूज,अंबाला ।
Pareshwar Shivling Which Has been Built on The Lines of Ujjain Temple with Mercury : शहर का पारेश्वर शिवलिंग जिसको उज्जैन मंदिर की तर्ज पर पारे की धातु से बनाया गया है ।
सत्संग सभा शिवाला मंदिर अनाजमंडी छावनी का इतिहास लगभग दो सौ साल पुराना है। मंदिर का पुनर्निर्माण 1992 में हुआ था। शिव भक्तों के लिए मंदिर में स्थापित पारेश्वर शिवलिंग आस्था का केंद्र है। अंबाला का यह एकमात्र शिवलिंग है, जिसे उज्जैन मंदिर की तर्ज पर पारे से तैयार किया गया है।
यही कारण है कि अंबाला के अलावा दूसरे जिलों से भक्त इस शिवलिंग के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में सावन व शिवरात्रि पर भक्त जलाभिषेक के लिए उमड़ते हैं। शिवलिंग के अलावा अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्ति स्थापित है। मंदिर में पारेश्वर शिवलिंग 2017 में स्थापित हुआ था।
पारे के इस शिवलिंग को उज्जैन व बठिंडा के पंडित द्वारा एक सप्ताह के अंदर तैयार किया गया था। पारेश्वर शिवलिंग की भी यह मान्यता है कि कोई भी कष्टी आने पर अगर सुबह शाम पूरे श्रद्धाभाव के साथ पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर में भक्त पारेश्वर शिवलिंग पर जलाभिषेक सुबह और शाम पहुंचते हैं। मंदिर में सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जलाभिषेक व शिवलिंग का शृंगार किया जाता है। कीर्तन मंडली की ओर से भजनों का गुणगान होता है। शिवपुराण का पाठ भी नियमित रूप से किया जाता है। शिवलिंग का समय-समय पर भव्य
शृंगार भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है।
कई सालों से मंदिर में सेवा कर रहे पुजारी देवी प्रसाद ने बताया कि मंदिर का इतिहास करीब दो सौ साल पुराना है। मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में बड़ी आस्था है। सच्चे मन से जो भी मंदिर में माथा टेककर मन्नत मांगता है, वह पूर्ण होती है। मंदिर में पहले से भी एक शिवलिंग स्थापित है, लेकिन 2017 में पारेश्वर शिवलिंग स्थापित हुआ जो पूरे अंबाला का पहला मंदिर है।
Pareshwar Shivling Which Has been Built on The Lines of Ujjain Temple with Mercury
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