इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
List of 12 Jyotirlinga in India देशभर में आज शिवरात्रि की धूम है। सुबह से ही लोगों की मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु मंदिरों में दूध, धात-धतूरा, भांग को अन्य पूजन सामग्री से शिव का अभिषेक कर पूजा कर रहे हैं। कई श्रद्धालुओं ने आज उपवास भी रखा हुआ है। आइए आज आपकों शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में बताते हैं।
देश का पहले ज्योतिर्लिंग की बात की जाए तो यह गुजरात के सौराष्ट्र में है जिसका नाम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है। पुराण के अनुसार चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने क्षय रोग का श्राप दिया था तो इसी स्थान पर ही श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा ने शिवजी की पूजा और तप किया था। खुद चंद्र देव ने इस स्थान पर ज्योतिर्लिंग स्थापित किया था।
दूसरा ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर है। इस ज्योतिर्लिंग का नाम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है। इसके पास क्षिप्रा नदी कल-कल कर बहती है। यहां प्रतिदिन भस्म आरती होती है।
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मध्य प्रदेश के दो ज्योतिर्लिंग हैं। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के अलावा मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे पर भी एक ज्योतिर्लिंग है जिसका नाम है ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग।
उत्तराखंड के चार धामों में से एक ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम भी है, यह ज्योतिर्लिंग अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर केदार चोटी पर है। कथाओं में इसे भगवान शिव का घर बताया गया है।
महाराष्ट्र में तीन ज्योतिर्लिंग हैं, पहला पुणे से 100 किलोमीटर दूर डाकिनी में है जिसे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहते हैं। इस शिवलिंग का आकार काफी मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश की पवित्र वाराणसी में स्थित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने कैलाश छोड़कर काशी को ही अपना स्थाई निवास बना लिया था।
महाराष्ट्र में स्थित दूसरा ज्योतिर्लिंग है, जिसे त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। यह नासिक से 30 किलोमीटर दूर गोदावरी नदी के किनारे है। गौतम ऋषि और गोदावरी की प्रार्थना पर भगवान शिव इसी स्थान पर बस गए थे।
वहीं झारखंड के देवघर में एक बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है। इस मंदिर को बैद्यनाथधाम कहा जाता है। इसके दूसरे नमा की बात की जाए तो इसे रावणेश्वर धाम भी कहा जाता है।
सोमनाथ के अलावा गुजरात में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। माना गया है कि भगवान शिव की इच्छानुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा।
11वां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम पर है। इस बारे में मान्यता है कि श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले यहां शिवलिंग की स्थापना की थी, इसीलिए इसका नाम रामेश्वर रखा गया।
महाराष्ट्र का तीसरा और भगवान शिव का 12वां ज्योतिर्लिंग की बात की जाए तो इसका नाम घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग है जो कि संभाजीनगर के निकट दौलताबाद में है। इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर भी कहा जाता है।
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