इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली : डेविस कप के लिए दिल्ली जिमखाना में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बुधवार को भारतीय कप्तान रोहित राजपाल ने कहा कि हमारे खिलाड़ी पुणे, बैंगलुरु और दुबई में खेलने के बाद मुकाबले से करीब दस दिन पहले यहां कैंप में पहुंच गए।
उन तीनों जगहों पर उन्होंने हार्ड कोर्ट पर मैच खेले थे लेकिन इन दस दिनों में उन्हें यहां के ग्रास कोर्ट में ढलने का अच्छा अवसर मिल गया है। इस अवसर पर डेनमार्क के कप्तान फ्रेडरिक नीलसन ने भी अपने खिलाड़ियों के प्रति भरोसा व्यक्त करते हुए कहा कि हम कड़ी टक्कर देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
डेविस कप के बारे में उन्होंने कहा कि ग्रासकोर्ट से निश्चित तौर पर भारत को लाभ मिलेगा। उन्हें खुशी है कि युकी भांबरी की वापसी हो गई है। हम पिछले कुछ समय से उनकी फिटनेस पर काम कर रहे थे। उनके साथ रामकुमार रामनाथन (182 रैंक) और प्रजनेश गुणेश्वरन (228) भी अच्छी लय में हैं। उन्होंने कहा कि बोपन्ना सीनियर खिलाड़ी होने की वजह से टीम के थिंक टैंक का हिस्सा हैं। रामकुमार ने कुछ हफ्ते पहले मिडिल ईस्ट में चैलेंजर कप जीता है।
रोहित राजपाल ने स्वीकार किया कि मौजूदा टीम और अगली टीम तैयार करने के बीच एक अंतर साफ तौर पर दिख रहा है लेकिन इस दिशा में युवा प्रतिभाओं को उभारने की दिशा में काम हो रहा है और इसके नतीजे भी आपको जल्दी ही दिखाई दें।
रोहित ने यह बात डेनमार्क के खिलाफ डेविस कप विश्व ग्रुप 1 प्लेऑफ मुकाबले के गुरुवार को निकलने वाले ड्रॉ से एक दिन पहले कहा कि इस समय हमारी सिंगल्स और डबल्स की लाइन अप काफी अच्छी है लेकिन एक सच यह भी है
कि डबल्स के खिलाड़ी रोहन बोपन्ना 40 की उम्र पार कर चुके हैं।
यह मेरे लिए चिंता की बात है। एआईटीए ने सेंटर आॅफ एक्सलेंस और स्पोर्ट्स साइंससेंटर खोला है। हमारा मकसद आगे के लिए खिलाड़ी तैयार करना है। रोहित ने कहा कि अब जीशान अली दिल्ली में आ गये हैं। एक योजना के तहत हम बच्चों का चयन कर रहे हैं।
डेनमार्क के कप्तान फ्रेडरिक नीलसन ने स्वीकार किया कि भारत के पास घरेलू मैदान और ग्रास कोर्ट में खेलने का अनुभव है, लेकिन उनकी टीम एक कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। हालांकि जिस मौसम और सतह पर वे खेलने जा
रहे हैं, वह इसके आदी नहीं है लेकिन फिर भी वे सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि “मुझे अपने खिलाड़ियों पर भरोसा है।
ग्रास कोर्ट पर खेलना डेविस कप के इतिहास में सबसे बड़ा उलटफेर नहीं होगा लेकिन यह कहने की जरूरत नहीं है कि यह इस टाई को जीतने के लिए कुछ परेशानियां पैदा कर सकता है।” रूस-यूक्रेन संकट को जोड़ते हुए उन्होंने कहा, “मैं चकित हूं कि यह हमारे समय में हो रहा है। यह संघर्षों का युग है जिसमें हम रह रहे हैं। मुझे उन लोगों के लिए बहुत बुरा लगता है जिन्हें युद्ध पर जाने के लिए कहा जाता है।”
इससे पहले भारत ने तीन बार 1966, 1974 और 1987 के डेविस कप फाइनल में जगह बनाई है लेकिन कभी भी ‘टेनिस का विश्व कप’ नहीं जीत सका। यह टूर्नामेंट अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) आयोजित कर रहा है। भारत को तीन साल बाद घरेलू मुकाबले का आवंटन किया गया है और दिल्ली पांच साल से अधिक समय के बाद डेविस कप मैचों की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
पिछली बार दिल्ली ने सितंबर 2016 में डेविस कप मैचों की मेजबानी की थी जब राफेल नडाल की अगुवाई वाली स्पेन ने यहां डीएलटीए परिसर में विश्व ग्रुप प्ले-ऑफ दौर में भारत को 5-0 से हरा दिया था।
प्रजनेश गुणेश्वरन, युकी भांबरी, रोहन बोपन्ना, रामकुमार रामनाथन, दिविज शरण।
रिजर्व : साकेत माइनेनी और दिग्विजय प्रताप सिंह। कोच : जीशान अली।
मिकेल टॉरपेगार्ड (210वीं रैंकिंग), जोहान्स इंगिल्डसन (805 रैंकिंग), क्रिश्चियन सिग्सगार्ड (रैंक 833), एल्मर मोलर (रैंक 1708), फ्रेडरिक नीलसन (कप्तान) कोच: मार्टिन किलेमोज लिनेट।
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