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Fight of Rights of 72 Castes हक की लड़ाई दिल्ली तक गूंजी, हरियाणा की धरती से जली आंदोलन की लौ

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : March 9, 2022

Fight of Rights of 72 Castes

कल्पना वशिष्ठ की रिपोर्ट
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Fight of rights of 72 castes वैसे तो देश के विभिन्न हिस्सों में अपने समाज-जाति के हक-हकूक की लड़ाई को लेकर बहुत आंदोलन चले, लेकिन इस बार हरियाणा की धरती से एक आंदोलन उठा है जो 72 जातियों के समूह का है। बड़ी बात ये है कि इसकी गूंज न केवल उत्तरी भारत, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी जा पहुंची है। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इसकी बड़ी चर्चा है। इस लड़ाई को युवा तुर्क योगेंद्र योगी ने छेड़ा है। श्री-श्री रविशंकर से जुड़े रहे योगी ने आंदोलन खड़ा करने में बड़ी मेहनत की है।
दरअसल, अन्य पिछड़ा वर्ग में 77 जातियां आती हैं। जिनमें 5 यादव, गुर्जर, मेव, सैनी, लोधी बी वर्ग में है, जबकि 72 जातियां ए वर्ग में अति पिछड़ा वर्ग की हैं। गांव मुजादपुर के रहने वाले योगी 72 जातियों के हित लड़ाई लड़ रहे हैं। ये गांव हांसी हलके के सातबास में आता है। अति पिछड़ा वर्ग की 72 जातियां की प्रदेश में लगभग 32% आबादी है जो 4 लोकसभा और 36 विधानसभा सीटों को प्रभावित करती हैं। राज्य में कई महत्वपूर्ण पदों से जुड़े रहे योगी वैसे तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन 72 जातियों की लड़ाई गैर राजनीतिक झंडे पर लड़ रहे हैं।
‘72 जाति बचाओ संघर्ष समिति’ की गूंज राज्य के गांव-ढाणी तक है। ये जातियां लंबे समय से उपेक्षित रही हैं, कारण ये भी रहा कि इनकी आपस में एकता नहीं रही, जबकि सभी अति पिछड़ा वर्ग में है। योगेंद्र योगी ने सभी को एकजुट कर झंडा बुलुंद किया तो इनकी मजबूत उपस्थिति नजर आने लगी है। राज्यसभा में ताऊ देवीलाल व भजनलाल परिवार इन जाति के नेताओं को भेजते रहे, लेकिन कांग्रेस ने अपनी सरकार में इन जातियों के 21 लोगों को निगम, बोर्ड व आयोगों में पद देकर धमाल कर दिया। राज्य सरकार में अति पिछड़ा वर्ग को इतनी बड़ी भागीदारी पहली बार मिली। कांग्रेस सरकार में इन जातियों को सबसे पहले केश कला बोर्ड सैन समाज को मिला, माटी कला बोर्ड आदि बने, एक सीट राज्यसभा में दी। वर्तमान सत्ताधारी दल भाजपा ने भी अब इन जातियों में से राज्यसभा में भेजा है, पंचायतों तक आरक्षण दिया है।
योगेंद्र योगी अपने लड़ाई को यहीं खत्म नहीं मानते। वे अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के पवित्र महम चौबीसी के चबूतरे पर बड़ी मीटिंग कर चुके हैं, साथ ही चंडीगढ़ तक पदयात्रा कर चुके हैं। ये आंदोलन 32 प्रतिशत के बड़े वर्ग में ऊर्जा फूंक चुका है। बड़ी लड़ाई में उनके साथ 72 जातियों के गणमान्य लोग साथ दे रहे हैं। वे अभी नहीं तो कभी नहीं” का नारा दे चुके हैं। जो 72 जातियों की बात करेगा वो हरियाणा पर राज करेगा का योगी का नारा गांव, शहर व ढाणी में गूंज रहा है। बड़ी बात ये भी है कि 72 जातियां एक साथ जुट गई हैं। बहरहाल, छोटे गांव में रहकर बड़ी सोच रखने वाले योगेंद्र योगी को 72 जातियों के लिए संघर्ष बड़ा गुल जरूर खिलाएगा।

जानिये ये हैं मुख्य मांगें

1. सभी प्रकार की नौकरियों में (सरकारी एवं गैर सरकार) 27 प्रतिशत आरक्षण।
2. जातिगत जनगणना।
3. कामगार क्रेडिट कार्ड।
4. पंचायत से लोकसभा तक संख्या अनुपात राजनीतिक हिस्सेदारी।
5. मंडल आयोग की पूरी रिपोर्ट लागू करना।
6. बैकलॉग की भर्ती पूरी करवाना।
7. असंवेधानिक क्रीमीलेयर रद करवाना।
8. हरियाणा रिहायसी प्रमाणपत्र की फिलहाल समय-सीमा 5 साल को रद करके पुरानी समय-सीमा लागू की जाए।
9 पिछड़ा वर्ग आयोग-केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड, मिट्टी कला बोर्ड में नियुक्तियां की जाएं और जिस उद्देश्य के लिए बनाए गए थे, उसके लिए बजट का प्रावधान किया जाए।

अति पिछड़ा 72 जातियाँ

बीसीए
1. हेड़ी – अहेड़ी, हेड़ी, नायक, थोरी, तूरी।
2. बारा
3. बेता- हेसि, हेंसी
4. बगरिया
5. बरवर
6. बराई – तम्बोली
7. बैरागी – बरागी, स्वामी, साध
8. बटेरा
9. भरभुनजा – भडबुजा
10.भाट – भतत्रा,दर्पि,
11. लुहार – भुआलिया
12. चंगर
13. चिड़ीमार
14. छिमपी – छिम्बा, छिपी, छिम्पा, दर्जी, रोहिल्ला
15. डेहा
16. धोबी
17. डाकोत
18. झिम्मर – कश्यप, अल्लाह, कहार, ढिवारब, खेवट, मेहरा, मिषाद, शाका, बिष्टि
19. शेख – धोसली- दोसालि
20. गवारिया – ग्वार, गोरिया
21. घसी – घसिरा, घोसी
22. ग्वाला – गोवाला
23. गडरिया- पाल, बघेल, घडिया लोहार
24. नाई – हजाम, सैन, नंदवंसी, सविता
25. खाती – जांगड़ा, सुथार, धीमान,तरखान, बढई, भाड़ी
26. जोगी – जोगिनाथ, योगी, नाथ
27. कंजर – कंचन
28. कुम्हार – प्रजापति
29. कंबोज
30. खंगेड – कुचबंदिया
31. लबाना
32. मनियार – लखेरा, कचेरा
33. लोहार – पांचाल, ब्राह्मण
34. मदारी
35. मोची
36. मिरासी
37. नाड़ – नूँगार, नालबंद
38. पिंजा – पेन्जा
39. रेगर -रेहार, रेहारा
40. राय सिख
41.शेरगिर- शोरगिर, शोई
42. सिंगीवाला- सिंगिकाट
43. सुनार – सोनी
44. ठठेरा- तमेरा
45. तेली
46. बंजारा
47. जुलाहा
48. बढ़ी – बड़ों
49. भट्टू – छट्ठू
50. मीणा
51. राहबरी
52. चरण
53. चाराज
54. उद्दासिन
55. रामगढ़िया
56. लीलगर-रंगरेज
57. दवाला
58. न्यारिया
59. राजभर
60. नट
61. जंगम
62. महाब्राह्मण
63. फकीर
64. चांग
65. कुर्मी
66. रेचबन्द
67. जारगर
68. गोरखा
69. घिरथ
70. अब्बासी
71. रमिया
72. हरि

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