इंडिया न्यूज ।
In Which Situation How Much Should Be Done Walk Learn : अपने आप को फिट रखना बहुत आवश्यक है और अच्छी आदत भी । जिसके लिए हम जिम और ज्यादा से ज्यादा वॉक करते है । लेकिन क्या आपको पता है कि हमें कब,कितनी और किस स्थिति में वॉक करनी चाहिए ।
जिससे हमारा स्वास्थ्य बना रहे । आज हम आपको वॉक करने का सही तरीका और किस उम्र में व किस मरीज को कितनी वॉक करनी चाहिए । आज हम आपको बता रहें है । फिटनेस बैंड वॉच का चलन तेजी से बढ़ा है। आज ज्यादातर लोगों की कलाई पर यह फिटनेस बैंड नजर आती है, जो हार्टबीट से लेकर स्टेप्स तक काउंट करती है।
लोग इस घड़ी को इसलिए भी पसंद करते हैं, ताकि अपनी डेली एक्टिविटी पर नजर बनाएं रख सकें। फिटनेस को लेकर शुरू हुए इस क्रेज के बीच कई लोग हर दिन 10,000 स्टेप्स पूरे करने की कोशिश करते नजर आते हैं। लेकिन हर किसी के लिए इस लक्ष्य को पूरा करना जरूरी नहीं होता है।
वॉक करने से कैलोरी बर्न होती है। शरीर एक्टिव रहता है और मोटापे जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। इसी वजह से लोग ऐसे रिस्ट बैंड पहनते हैं, जो हर दिन हमें तय लक्ष्य तक पहुंचने और नए टारगेट बनाने को उत्साहित करते हैं। लेकिन दिल से जुड़ी कई बीमारियां ऐसी हैं, जिसमें हमें बहुत ज्यादा चलने की मनाही होती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, न्यूरोलॉजिकल कंडीशन, लंग फाइब्रोसिस और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं में अधिक चलना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
यूनिवर्सिटी आफ मैसाचुसेट्स के मुताबिक 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए रोजाना 6000-8000 स्टेप्स चलना भी काफी है। खुद को फिट रखने के लिए हर दिन 10,000 स्टेप्स ही चला जाए, ऐसा जरूरी नहीं। यह दावा है द लेंसेट का। अगर अब तक आपका भी ध्यान सिर्फ डेली के स्टेप्स टारगेट पूरा करने की ओर होता था, तो अब थोड़ा संभलने की जरूरत है।
चलने के दौरान एक ही जगह की मसल्स पर बार-बार जोर पड़ता है। ऐसे में उस मसल्स के आसपास किसी पुरानी चोट का दर्द दोबारा शुरू हो सकता है। इसके अलावा लगातार चलते रहने की वजह से घुटनों और एड़ी के जोड़ पर अधिक दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से हड्डियों से जुड़ी नई समस्याएं शुरू हो सकती हैं। मसल्स में सूजन, दर्द, जॉइंट पेन, लोअर बैक पेन जैसी समस्याएं भी ज्यादा चलने की वजह से शुरू हो सकती है।
ऐसे लोग जिन्हें हार्ट अटैक आ चुका हो, जिसकी हार्ट रेट एबनॉर्मल (अरिद्मिया), डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी, ब्रेन स्ट्रोक या कभी पैरालिसिस की समस्या हुई हो, ऐसे लोगों को बहुत ज्यादा वॉक करने से बचना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपने हिसाब से टारगेट सेट कर हर दिन चलना उनकी सेहत के लिए कई मुसीबत खड़ी कर सकता है।
वॉक इतना न करें कि ये पूरे दिन की थकान की वजह बन जाए।
वॉक के दौरान बॉडी पॉश्चर का ध्यान रखें, वरना शरीर दर्द करेगा।
वॉक के दौरान जूते पहने, चप्पल पहनकर वॉक करने से बचें।
कोशिश करें कि वॉक करने के लिए हर दिन एक टाइम फिक्स हो।
अपना हेल्थ चेकअप करवाने के बाद डॉक्टर की सलाह पर वॉक शुरू करें।
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